यह सच है कि महिलाओं के लिए किसी भी कारोबार की शुरुआत कर उसे सफल बनाना चुनौतियों से भरा होता है। लेकिन तमाम बाधाओं का डटकर मुकाबला करते हुए कई महिला उद्यमियों ने उतनी ही शानदार सफलता हासिल की जितनी पुरुषों ने की है। आज की कहानी एक ऐसी ही महिला उद्यमी के बारे में है जिसने बिज़नेस की शुरुआत की तो सबसे पहले घर में ही सवाल खड़े हुए। इस लड़की ने अपने अनोखे आइडिया से लाखों महिलाओं की एक बड़ी मुश्किल को चुटकी में हल करते हुए करोड़ों रुपये का कारोबार खड़ी कर ली।
यह कहानी है ऑनलाइन अंडरगारमेंट बेचने के लिए ‘जिवामे डॉट कॉम’ की शुरुआत करने वाली रिचा कर की सफलता के बारे में। जमशेदपुर के एक मध्यम-वर्गीय परिवार में पली-बढ़ी रिचा ने बिट्स-पिलानी से पढ़ाई पूरी करने के बाद ख़ुद की नौकरी छोड़ जिवामे डॉट कॉम की शुरुआत की। रिचा ने जब अपने इस आइडिया को घर में शेयर की तो, सबसे पहले उसे अपनी माँ का विरोध झेलना पड़ा।

रिचा के आइडिया को सुनकर उनकी मां ने तो यह तक कह दिया था, मैं अपनी सहेलियों को कैसे बताऊंगी कि मेरी बेटी ब्रा-पैंटी बेचती है।
दरअसल महिलाओं के लिए बाजार में पुरुष दुकानदार से अंडरगार्मेंट खरीदना बेहद कठिन काम होता है। खासकर अपनी जरूरत को उस दुकानदार को समझाने में ही महिलाओं के पसीने छूट जाते हैं। कभी दबी हुई आवाज में अपनी पसंद बता कर, तो कभी जो दुकानदार दिखा दे उसी में से चुनाव कर महिलाएं अपने अंडरगार्मेंट्स की शॉपिंग कर आती हैं। महिलाओं की इस समस्या को रिचा ने समझा और इसी को अपने बिज़नेस की बुनियाद बनाते हुए तमाम विरोधों के बावजूद जिवामे पर काम जारी रखा।
रिचा को बिज़नेस की शुरुआत करने में अनगिनत बाधाओं का सामना करना पड़ा। बिजनेस शुरू करने के लिए जगह तक तलाशने में मुश्किलों का सामना करना पड़ा। रिचा बताती हैं कि जब वे अपने लैंडलॉर्ड से जगह के लिए बात कर रही थीं तो वे अपने बिज़नेस के बारे में बताने से पहले चुप हो गईं और फिर बोलीं कि वे ऑनलाइन कपड़े बेच रही हैं। इस तरह उन्हें ऑफिस स्पेस मिला। इसी तरह जिवामे के लिए पेमेंट गेटवे हासिल करना भी चैलेंजिंग रहा।
लेकिन चुनौतियों से हार कर रिचा ने कभी पीछे नहीं हटा और आज जिवामे का कारोबार करोड़ों रुपये में है। जिवामे के ऑनलाइन लॉन्जरी स्टोर में फिलहाल 5 हजार लॉन्जरी स्टाइल, 50 ब्रांड और 100 साइज हैं। कंपनी ट्राई एट होम, फिट कंसल्टेंट, विशेष पैकिंग और बेंगलुरु में फिटिंग लाउंज जैसी ऑफरिंग्स दे रही है। कंपनी इस समय भारत में सभी पिन कोड पर डिलिवरी करती है।

साल 2011 में रिचा ने खुद की सेविंग्स के 35 लाख रुपये से इस बिज़नेस की शुरुआत की थी। रिचा का आइडिया इतना क्रांतिकारी था कि एक साल बाद ही बड़े-बड़े इन्वेस्टर्स ने इनकी कंपनी में इन्वेस्ट करने शुरू कर दिए। उनकी कंपनी का रेवेन्यू सालाना आधार पर 300 फीसदी की दर से बढ़ रहा है। इतना ही नहीं इस सफलता के लिए रिचा को साल 2014 में फॉर्च्यून इंडिया की ‘अंडर 40’ लिस्ट में शमिल किया गया।
तमाम चुनौतियों के बाद भी शुरुआत के तीन साल के भीतर जिवामे 200 से अधिक सदस्यों की एक टीम के साथ अब यह भारत के अग्रणी ऑनलाइन अधोवस्त्र की स्टोर बन चुकी है। अंतर्वस्त्र पर बात करना जहां भारत में शर्म की बात मानी जाती है वहां इसको बेचने के बारे में रिचा की सोच को सच में सलाम करने की जरूरत है।
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