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इस युवा IAS ने सिर्फ 15 महीने में 750 व्यापारियों को सलाखों के पीछे धकेल तबाह कर दिया मिलावट का धंधा

यह कहानी है देश की एक तेज-तर्रार महिला ऑफिसर की जिनका नाम सुनते ही अपराधी थर-थर कांपते हैं। साल 2010 में यूपीएससी की परीक्षा में चौथा रैंक लाने वाली यह महिला आईएएस आज अन्य पुलिस ऑफिसर के लिए मिसाल पेश कर रहीं हैं। इतना ही नहीं इन्होंने अपनी इमानदारी और बहादुरी का परिचय देते हुए यह भी साबित कर दिया कि महिला किसी मामलों में पुरुष से कम नहीं है। केरल में मिलावट के धंधे का पर्दाफास करते हुए कई कारोबारियों को सलाखों के पीछे धकेलने वाली इस अधिकारी की कहानी बेहद प्रेणादायक है।

हम बात कर रहे हैं यंग महिला अधिकारी टी.वी. अनुपमा के बारे में जो वर्तमान में केरल में फ़ूड सेफ्टी कमिश्नर के पद पर पदस्त हैं। इनके नाम से ही मिलावटखोरों के पसीने छूट जातें हैं। अनुपमा अपने शख्त रवैये को लेकर काफी चर्चित है और उन्होंने जगह-जगह छापे मारकर मिलावटखोरों के नाक में दम कर रखी है। इनके डर से वहां के मिलावटखोरों ने मिलावट करना बंद कर दिया। यह जानकर आपको आश्चर्य होगा कि अनुपमा महज़ 15 महीनों में ही 6000 नमूने भरवाई और मिलावटखोरों के खिलाफ 750 मुकदमें व केस दर्ज करवाए। अनुपमा के द्वारा लिए गए इन सख्त निर्णयों के कारण इनका नाम एक तेज-तर्रार अफसर के रूप मे लिया जाने लगा है।

अपने कार्यकाल के दौरान अनुपमा ने केरल की कई मंडियों में ताबड़तोड़ कार्यवाही की और जाँच के दौरान नमूने में 300 फीसदी कीटनाशक तत्त्व पाया जो सामान्य कीटनाशकों के अनुपात में कहीं ज्यादा थे। यह परिणाम लोगों के स्वास्थ्य के लिए बेहद हानिकारक था, इसलिए अनुपमा ने मिलावटखोरों के खिलाफ कदम उठाने का निर्णय लिया। उनके इस निर्णय से उन्होंने लोगों के बीच एक अच्छे प्रशासन का उदाहरण पेश किया और भ्र्ष्ट लोगों के खिलाफ तुरंत कदम उठाते हुए आम जनता के भीतर पुलिसिया तंत्र के प्रति विश्वास पैदा किया।

अपनी इस कार्यवाही के साथ ही आईएएस अनुपमा ने लोगों को खुद घर में खेती करने को प्रेरित किया और उन्होंने इसके लिए मुहीम की शुरुआत भी की। अनुपमा की इस मुहीम का स्थानीय नागरिकों ने भी स्वागत किया और बाद में मुहीम की सफलता देख राज्य सरकार ने भी इसे प्रोमोट करना शुरू किया। जिसका नतीजा उन्हें जल्दी ही मिला केरल जहाँ पहले 70 फीसदी सब्ज़ियां कर्नाटक और तमिलनाडु से खरीदता था, वहीं आज केरल के लोग स्वयं ही 70 फीसदी सब्ज़ियां उपजा लेते हैं। आईएएस अनुपमा ने अपनी इस कैम्पैन को सोशल मीडिया के माध्यम से भी प्रोमोट किया। सोशल नेटवर्किंग वेबसाइट फेसबुक पर अनुपमा ने अपने इस मुहीम को प्रोमोट कर लाखों-करोड़ों लोगों को प्रेरित किया।

भारत जैसे देख में जहाँ भ्रष्टाचार, चोरी और मिलावटखोरी जैसी चीजें चरम पर है ऐसी परिस्थिति में एक नहीं अनेक अनुपमा की जरुरत है। आशा करते हैं कि अनुपमा की इमानदारी और साहस से प्रेरणा लेते हुए अन्य पुलिस अफसर भी ऐसी ही शख्स कार्यवाही करते हुए भ्रष्टाचार मुक्त राष्ट्र बनाने की मुहीम में हिस्सा लेंगें।

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