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यहाँ जो उगता है वही पकता है, इस अनूठे रेस्टोरेंट से आप भी ले सकते हैं बिज़नेस आइडिया

हमारे आसपास हम जो कुछ भी देखते हैं, गगनचुंबी इमारतों से लेकर हमारे हाथों में स्मार्टफोन तक, सबकुछ एक छोटे से विचार का ही परिणाम है। एक अस्तित्वहीन विचार की ताकत का अंदाज़ा नहीं लगाया जा सकता। यदि आपके भीतर विचार को एक नए स्तर पर ले जाने का संकल्प हो तो फिर आपको महान बनने से कोई नहीं सकता। आज दुनिया जिस भी समस्या का सामना कर रही है, उसके पीछे एक समाधान है। लेकिन, वह समाधान एक विचार के भीतर छिपा है जिस पर काम करने की जरूरत है।

हमारी आज की कहानी एक ऐसी युवा उद्यमी की है, जिसने अपने विचारों से एक अनूठे व्यावसायिक मॉडल को सफल बनाया और लोगों के सामने मिसाल बन कर उभरीं। 28 वर्षीय श्रद्धा भंसाली मुंबई में एक अनोखा रेस्टोरेंट चलाती हैं जिसकी ख़ास बात यह है कि यहाँ खाने में जो पकता है, वह यहीं उगता है। एक विचार के साथ शुरू हुई कैंडी और ग्रीन नामक यह रेस्टोरेंट एक शुद्ध शाकाहारी रेस्तरां है।

कैसे हुई शुरुआत

श्रद्धा मुंबई के एक बिजनेस क्लास फैमिली से ताल्लुक रखती हैं। स्कूली शिक्षा पूरी करने के बाद वह बोस्टन विश्वविद्यालय से हॉस्पिटैलिटी और बिजनेस मैनेजमेंट की पढ़ाई करने के लिए अमेरिका चली गईं। वह 2014 में मुंबई वापस आ गई जहाँ उसने पाँच सितारा होटल में काम करना शुरू किया। यद्यपि उन्हें अपने काम के लिए एक अच्छी-खासी तनख़्वाह मिल रही थी, लेकिन हमेशा से उनका सपना अपना स्वयं का एक रेस्तरां शुरू करने का था।

श्रद्धा ने एक ऐसी जगह का सपना देखा था जहाँ लोगों को प्राकृतिक और घर पर बने भोजन परोसे जाएंगे, जो अच्छे स्वाद के साथ स्वस्थ भोजन को बढ़ावा देंगे। खाना पकाने की प्रेरणा उन्हें अपनी मां से मिली। जैसा कि उसने अपनी माँ को परिवार के लिए खाना बनाते हुए देखा था, सभी के स्वास्थ्य का ख्याल रखते हुए वह हमेशा स्वस्थ भोजन ही खाने को लेकर संकल्पित थी। श्रद्धा यही संदेश लोगों तक पहुँचाना चाहती थी।

उनकी सबसे बड़ी चुनौती रेस्तरां के लिए एक अवधारणा विकसित करना था। चूंकि सामग्री वहां उगाई जाती है, इसलिए बदलते मौसम और सब्जियों की पसंद को अच्छी तरह से प्रबंधित करना चुनौतीपूर्ण था। इस वजह से, उन्होंने फैसला किया कि मेनू हर मौसम में बदल जाएगा। स्वादिष्ट शाकाहारी भोजन परोस ग्राहकों को अपना बनाना कोई आसान काम नहीं था , लेकिन श्रद्धा ने दृढ़ संकल्पित होकर ऐसा कर दिखाया।

मिली शानदार सफलता

फरवरी 2017 में इसकी शुरूआत के बाद, पूरे भारत के पत्रिकाओं और खाद्य समीक्षकों द्वारा उनके रेस्तरां को काफी सराहा गया। यह रेस्तरां बीच कैंडी में भुलाभाई देसाई मार्ग पर हबटाइब स्काईबे के चौथे तल पर स्थित है और खाद्य साम्रग्री पांचवीं मंजिल पर स्थित एक 400 वर्ग फुट के बगीचे में उगाई जाती है जो ग्राहकों को देखने के लिए खुली हुई है।

कैंडी और ग्रीन रेस्तरां को सीएनबीसी आवाज़ द्वारा उभरता हुए स्टार कहा गया, और श्रद्धा खुद फोर्ब्स इंडिया के प्रतिष्ठित 30 अंडर 30 में चित्रित की गई। अपने रेस्तरां की भारी सफलता के साथ, अब वह एक और रेस्तरां शुरू करने की योजना बना रही है जिसे आम लोगों की जरूरतों को पूरा करना है। उनका लक्ष्य सस्ती दर पर भोजन उपलब्ध कराना है, लेकिन उसी आतिथ्य और देखभाल के साथ।

श्रद्धा चाहती तोकिसी पांच सितारा होटल में अच्छी तनख्वाह पर नौकरी कर सकती थी, लेकिन उन्होंने अपने जुनून के आगे बढ़ने का निश्चय किया और आज उनकी सफलता औरों के लिए प्रेरणा है।

कायदे से देखें तो किचन गार्डन का जो प्रयोग आज बड़े-बड़े शहरों में हो रहा है, उसकी उत्पत्ति भारत के गाँवों से ही हुई है। जब लोगों का पलायन गाँव से शहर की ओर हुआ, तो लोग शहर में भी अपने घर के आसपास फल-सब्जियों आदि के पौधे लगाते थे जिससे उन्हें खुद की उगाई ताज़ी सब्जियाँ मिल सके। बदलते वक्त के साथ, जमीन की गैरमौजदगी में भी लोग गमलों आदि में छोटे पौधे लगाते रहे। आज वही कांसेप्ट किचन गार्डन के रूप में एक व्यावसायिक मॉडल का शक्ल ले लिया है। और यह वाकई में एक अनुकरणीय प्रयोग भी है।

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