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कभी लोग उन्हें ‘चिंकी’ कहकर चिढ़ाते थे, आज वह फैशन ब्लॉगिंग की दुनिया में एक जाना-पहचाना नाम है

इंजीनियरिंग या मेडिकल, युवाओं के बीच ऐसे ही कुछ प्रोफेशन को सफलता का सूचक माना जाता रहा है। हालांकि, बदलते वक्त के साथ युवाओं ने अपने जुनून का पीछा करते हुए सफलता का नया मापदंड बनाया और औरों के सामने एक मिसाल भी पेश की। हमारी आज की कहानी एक ऐसी ही युवा शख़्सियत को समर्पित है, जिन्होंने सफलता का एक नया अध्याय जोड़ा।

पूर्वोत्तर भारतीय राज्य मणिपुर की रहने वाले सोनिया थियम ने दिल्ली-एनसीआर में अपनी कॉलेज की पढ़ाई पूरी की। वह एमबीबीएस करने के लिए बैंगलोर चली गई क्योंकि उनके पिता चाहते थे कि वह डॉक्टर बनें। उन्होंने सफलतापूर्वक अपनी डॉक्टरी की डिग्री पूरी कर बैंगलोर के एक अस्पताल के साथ काम करना शुरू कर दिया। उन्हें इस शहर से इतना लगाव हो गया कि उन्होंने इसे ही अपना घर बनाने का फैसला किया। हालांकि, सामाजिक रूढ़िवादिता उनके उत्तर-पूर्व-भारतीय स्वरूप का पक्ष नहीं ले रही थी और उन्हें अक्सर लोग ‘चिंकी’ कह कर चिढ़ाते थे। सोनिया ने दृढ़ निश्चय प्रदर्शित किया और बावजूद इसके बैंगलोर में बसने के अपने निर्णय के साथ दृढ़ रही।

“मेरे पिता हमेशा से ही डाक्टर के पेशे से काफी प्रभावित थे क्योंकि वे जिस तरह का काम करते हैं, उससे जीवन बचता है। उनके लिए, एक डॉक्टर के जैसा सम्मानजनक कोई दूसरा पेशा नहीं है। यही कारण है कि मैंने बैंगलोर से एमबीबीएस किया। ” – सोनिया ने केनफ़ोलिओज़ के साथ बातचीत में कहा।

जितना अधिक आप चुनौतियों का सामना करने के लिए दृढ़ होंगे, जिंदगी में जंग जीतने की आपकी ताकत उतनी ही ज्यादा प्रबल होगी। ‘चिंकी’ कहकर पुकारे जाने से उत्पन्न मनोवैज्ञानिक बाधाओं को तो उन्होंने हरा दिया लेकिन उनके सामने कई अन्य चुनौतियां भी थी। उसने जल्द ही महसूस किया कि एक ‘डॉक्टर’ का उनका पेशा सम्मानजनक और फायदेमंद है, लेकिन उनके जुनून के अनुरूप नहीं। सोनिया ने अपने जुनून का पीछा करते हुए एक फैशन ब्लॉगर बनने का फैसला किया। एक सफल मेडिकल प्रैक्टिस को रोकना, और एक फैशन ब्लॉगर बनने के लिए तमाम चुनौतियों के साथ अपने परिवार वालों को समझाना भी उनके लिए कठिनाईयों से भरा था। शुरुआती सफलता में उन्हें थोड़ा वक्त जरूर लगा, लेकिन इससे अपने परिवार वालों को नए फैसलों के बारे में बात करने का साहस वह जुटा पाई। इस सफलता ने उनके लिए तरक्की का मार्ग प्रशस्त कर दिया था।

सोनिया ने अपने ब्लॉग ‘शीर वैनिटी बाय सोनिया’ पर काम करना शुरू किया। वह एक नव नियुक्त डॉक्टर थी और उच्च पैकेज अर्जित नहीं करती थी। फिर भी, उसने अपने वेतन से प्राप्त बचत से एक पेशेवर फोटोग्राफर को काम पर रखा। उनकी शारीरिक विशेषताओं के साथ स्टाइल की उनकी विचित्र समझ ने फैशन ब्लॉगिंग क्षेत्र में उनके लिए सफलता का रास्ता खोल दिया। कई अन्य शुरुआती चरण के फैशन ब्लॉगर्स के विपरीत, सोनिया ने अन्य सफल ब्लॉगर्स की नकल करने के बजाय खुद की शैली-प्रतीक बनाने पर ध्यान केंद्रित किया। दिनोंदिन उनके प्रशंसकों की संख्या बढ़ती ही चली गई और कई प्रसिद्ध ब्रांडों से दिलचस्प प्रस्ताव भी मिलने शुरू हो गए। Sravrovski, Grazia, और Popxo जैसे प्रसिद्ध ब्रांडों के साथ काम करते हुए सोनिया जल्द ही भारतीय फैशन ब्लॉगिंग उद्योग में एक जाना माना चेहरा बन गईं।

“मेरे भाई हमेशा मेरे लिए एक मजबूत समर्थक के रूप में साथ दिया। मुझे कभी नहीं पता था कि मैं अपने परिवार के सामने इस बात का खुलासा करने का साहस नहीं जुटा पाऊंगा। ” सोनिया ने कहा।

हालांकि सोनिया थियम भारत में फैशन ब्लॉगिंग के बारे में बात करते समय याद करने का एकमात्र नाम नहीं है, लेकिन वह उन प्रेरक लोगों से एक हैं जिन्होंने यहां तक पहुंचने के लिए कई बाधाओं को हराया। उन्होंने अपनी सफलता से उन लोगों के मुख पर करारा तमाचा जड़ा, जो कभी उन्हें चिंकी कहकर पुकारा करते थे।

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