दो दोस्त, एक आइडिया, कॉलेज प्रोजेक्ट के तौर पर हुई थी शुरुआत, 2 वर्षों में हुआ 20 करोड़ का कारोबार

हमारे देश के युवाओं में प्रतिभा की कोई कमी नहीं है। पर समाज और परिवार के दवाब के कारण कहीं ना कहीं उनकी प्रतिभा दब जाती है। वे करना कुछ और चाहते हैं पर लोगों के दवाब ने उन्हें अपनी रुचि के परे जाकर कोई दूसरा क्षेत्र चुनना पड़ जाता है। हमारे देश के ज्यादातर माता-पिता की यह सोच होती है कि उनके बच्चे डॉक्टर, इंजीनियर बने या कोई सरकारी नौकरी करे। बच्चे भी बस इसी दौड़ में बिना कुछ सोचे समझे भागते रहते हैं। अगर उन्हें उनकी रूचि की दिशा में थोड़ा भी प्रोत्साहन दिया जाए तो शायद वे उस क्षेत्र में एक अलग पहचान बना सकते हैं।

प्रवीण कुमार और सिंधुजा कंदलम ने अपने फैशन डिजाइनिंग के शौक को कारोबार की शक्ल देते हुए करोड़ों का बिज़नेस एम्पायर खड़ा कर लिया।

प्रवीण बिहार के और सिंधुजा हैदराबाद की रहने वाली हैं। दोनों नें साथ चेन्नई के नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ़ फैशन टेक्नोलॉजी से फैशन डिजाइनिंग की पढ़ाई की है। दोनों साथ मिलकर अपने आइडियाज शेयर करते थे और कपड़ों के डिजाईन भी बनाते थे। पढ़ाई के दौरान जब दोनों आखिरी सेमेस्टर में थे तो उन्होंने सोचा की हम पढ़ाई के बाद नौकरी क्यों करें। हम अपने डिज़ाइन किये कपड़े खुद भी तो बेच सकते हैं। तभी से उनका यह सफ़र शुरू हुआ और आज फैशन इंडस्ट्री में उनकी खुद की एक ब्रांड है।

जब उन्होंने इसकी शुरुआत की तो वे आखिरी सेमेस्टर में ही थे और उनकी पढ़ाई खत्म होने वाली थी। नवंबर 2014 में उन्होंने अपने ब्रांड “यंग ट्रेंड्ज़” को ऑफिसियली एनाउन्स कर दिया। लेकिन इस आइडिया पर वे सितम्बर से ही काम कर रहे थे। उस दौरान उन्होंने अपने कॉलेज के नज़दीक में ही एक वेयरहाउस ले लिया और वहीं से अपने काम की शुरुआत की। शुरुआत मे वे अपने कॉलेज के इवेंटस् में स्टूडेंट्स को मुफ़्त में टीशर्ट बांटे, जिससे युवाओं के बीच उनके कपड़ों की लोकप्रियता भी हो गया। लोगो नें उनके कपड़ों की गुणवत्ता को पसंद भी किया और धीरे-धीरे इ-कॉमर्स साइट्स के द्वारा उन्हें आर्डर मिलने भी शुरू हो गए।

कॉलेज खत्म होने के बाद दोनों ने तिरुपुर में जाकर अपनी कंपनी को आगे बढ़ाने का सोचा। तिरुपुर में उन्होंने अपना मैन्युफैक्चरिंग प्लांट भी लगाया। दरअसल तिरुपुर साउथ इंडिया और तमिलनाडु का एक बड़ा कपडा मैन्युफैक्चरिंग मार्केट हैं।

केनफ़ोलिओज़ से ख़ास बातचीत में प्रवीण ने बताया “हमने सोचा कि तिरुपुर में हमें आसानी से कम दाम पर कच्चा माल मिल जायेगा, जिससे कम दाम में गुणवत्तापूर्ण प्रोडक्ट की सप्लाई कर सकेंगे।

फिर उन्होंने फ्लिपकार्ट, अमेज़न जैसी बड़ी ई-कॉमर्स साइट्स से बिक्री के लिए टाई-अप किया। शुरुआत में उन्हें इन सब के लिए 10 लाख का निवेश करना पड़ा। पर जल्द ही उनके प्रोडक्ट्स ने लोगों के अंदर एक छाप छोड़ी और रोज़ उन्हें 1 हज़ार से अधिक ऑर्डर्स मिलने शुरू हो गए। यह उनके सफलता की पहली सीढ़ी थी।

दोनों अपने ब्रांड ‘यंग ट्रेंड्ज़’ के नाम एक खुद की एक ई- कॉमर्स वेबसाइट भी बनाई है। जिससे उनके बिज़नेस को और तेजी मिलेगी। उनकी कंपनी युवा लोगों के लिए कपड़े डिज़ाइन करती है इसलिए उनकी हमेशा से कोशिश रहती है कि वे खुद के डिज़ाइन को ट्रेंड के अनुसार अपडेट करते रहे। लोगों को कम कीमत में क़्वालिटी प्रोडक्ट मुहैया कराना उनके सफलता की सबसे बड़ी वजह है।

आज उनकी टीम में करीब 30 लोग काम कर रहे हैं और कंपनी का टर्नओवर करीब 20 करोड़ रुपये है। प्रवीण और सिंधुजा से दूसरे युवाओं को प्रेरणा लेनी चाहिए। अगर आप में भी दृढ़ इच्छा शक्ति और कुछ अलग करने का ज़ज़्बा हो तो आप भी एक मुकाम हासिल कर सकते हैं।

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