कोचिंग पढ़ने रोज 70 किमी का सफ़र तय करती थी, 720 में 720 अंक लाकर इतिहास रचने वाली लड़की

सच ही कहा गया है कि इस दुनिया में ऐसा कोई लक्ष्य नहीं जिसे मनुष्य साध नहीं सकता। दृढ़ इच्छाशक्ति और कभी न हार मानने वाले जज़्बे से कुछ भी हासिल किया जा सकता है। हमारी आज की कहानी एक छात्रा की है जिसने हाल ही में घोषित हुए देश की सबसे प्रतिष्ठित प्रतियोगिता परीक्षाओं में से एक NEET में 720 में से 720 अंक हासिल कर इतिहास रच दिया।

जी हाँ, हम बात कर रहे हैं यूपी के कुशीनगर जिले की रहने वाली आकांक्षा सिंह के बारे में। बचपन से ही आईएएस बनने का सपना रखने वाली आकांक्षा काफी मेधावी छात्रा रही हैं। वह जब 8वीं कक्षा में पहुँची तो दिल्ली स्थित अखिल भारतीय आयुर्वेदिक संस्थान से प्रेरित होते हुए डॉक्टर बनने का निश्चय किया। 9वीं कक्षा से ही उन्होंने नीट की तैयारी शुरू कर दी थी। उनके डॉक्टर बनने के उत्साह ने उन्हें कुशीनगर से गोरखपुर के अपने गाँव तक 70 किलोमीटर का सफर तय करने का जज्बा दिया।

पहले मैं 8वीं तक सिविल सर्विस में जाने की सोच रही थी लेकिन दिल्ली स्थित एम्स मेरे लिए एक प्रेरणा है। 9वीं से मैंने उसे अपना सपना मानकर नीट की तैयारी की शुरू कर दी।

10वीं तक की पढ़ाई पूरी करने के बाद आकांक्षा ने दिल्ली का रुख किया। वहाँ 11वीं और 12वीं की पढ़ाई के साथ-साथ उन्होंने दिन-रात एक कर प्रतियोगिता परीक्षा की तैयारी की। उन्हें भी इस बात का अंदाज़ा नहीं था कि वह इस परीक्षा में टॉप करने वाली हैं। हालांकि उनकी कठिन मेहनत और जज्बे का साक्षी आज पूरा देश है।

मैंने यह कभी नहीं सोचा था कि मैं टॉप की श्रेणी में होऊंगी। हां लेकिन मैंने मेहनत से तैयारी की थी इसलिए मुझे टॉप 40 में आने की उम्मीद है।

आपको बता दें कि एक मध्यम वर्गीय परिवार से ताल्लुक रखने वाली आकांक्षा के पिता भारतीय वायुसेना के रिटायर्ड सार्जेंट हैं। उनकी मां रुचि सिंह गांव पर ही प्राथमिक स्‍कूल की शिक्षक हैं।

इस बार NEET की परीक्षा में आकांक्षा के बराबर के अंक एक और उम्मीदवार सोएब आफताब को मिले और उन्हें ही अखिल भारतीय स्तर पर पहले रैंक से नवाजा गया। आकांक्षा को दूसरा स्थान दिया गया। आपकी जानकारी के लिए बताना चाहते हैं कि उम्र के नियम के आधार पर सोएब को पहला स्थान प्राप्त हुआ।

आकांक्षा का मानना है कि असफलता से कभी नहीं घबराना चाहिए बल्कि अपने लक्ष्य को हमेशा ऊँचा रखना चाहिए और उसी के अनुसार तैयारी भी करनी चाहिए। सपने बड़े होने के साथ उसी लगन से तैयारी करने की भी आवश्यकता होती है, तभी सफलता हासिल हो सकती।

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