आयुर्वेदिक उत्पाद के जरिये करोड़ों का साम्राज्य बनाने की दिशा में इस लड़की ने शुरू किया स्टार्टअप

यह सच है कि एक बेहतर स्वास्थ्य के लिए खानपान अहम भूमिका अदा करती है। हमारा संतुलित आहार ही स्वस्थ जीवन का आधार है, क्योंकि खान-पान में गड़बड़ी होगी तो हमारे जीवन में उसका विपरीत प्रभाव पड़ेगा।

जम्मू की रिधिमा अरोड़ा ने अपने पिता के इलाज के लिए अस्पतालों के लगातार दौरे के दौरान मौजूदा स्वास्थ्य सेवा प्रणाली में एक बड़ी खामी को महसूस किया। उन्होंने देखा कि चिकित्सा उद्योग एक समानांतर दुनिया है और बीमारियों को रोकने और ठीक करने में खाद्य पदार्थों का कोई उल्लेख नहीं है। घर और अस्पताल के बीच चक्कर ने उनके भीतर उद्यमशीलता की भावना पैदा की। यह उनके जीवन का एक महत्वपूर्ण मोड़ था और उन्होंने अपने स्वास्थ्य सेवा स्टार्टअप के माध्यम से लोगों के खाने के तरीके को बदलने का फैसला किया।

इन्हीं विचारों के साथ रिधिमा ने नामह्या फूड्स के बैनर तले अपने स्टार्टअप की नींव रखी। यह कंपनी लोगों में स्वस्थ भोजन का सेवन करने की एक आदत विकसित कर रही है। नामह्या के स्नैक्स, ब्रेकफास्ट, आयुर्वेदिक चाय, हर उत्पाद में आयुर्वेदिक जड़ी-बूटियाँ जैसे अश्वगंधा, ब्राह्मी, तुलसी, अर्जुन-छाल आदि हैं, जो उन्हें हमारे रोजमर्रा के भोजन में इस्तेमाल करने हेतु एक स्वस्थ विकल्प है।

बचपन से ही पढ़ाई-लिखाई में अव्वल आने वाली रिधिमा ने इंजीनियरिंग के बाद और व्यवसाय प्रबंधन में मास्टर्स की डिग्री हासिल किया। एमबीए पूरा करने के बाद, उन्होंने विभिन्न ब्रांडों के लिए ब्रांड-मैनेजर के रूप में काम भी किया।

केनफ़ोलिओज़ के साथ विशेष बातचीत में रिधिमा ने बताया कि अनुभवी लोगों के साथ काम करना हमेशा आपकी सोच और व्यक्तित्व में बहुत सारे दृष्टिकोण जोड़ता है। ख़ुशी है कि मेरे ब्रांड प्रबंधन के करियर ने मुझे काफी कुछ सिखाया

रिधिमा मानती है कि सबसे बड़ी चुनौती स्वस्थ विकल्पों के प्रति लोगों की आदतों को बदलना था क्योंकि व्यक्तियों की आदत में परिवर्तन बेहद धीमी गति से होती है। इसके लिए, उन्होंने अपने उत्पादों के स्वाद के पीछे काफी मेहनत ली। उन्हें स्वादिस्ट और लज़ीज बनाने के लिए उन्होंने अलग-अलग तरह के कई प्रयोग किए। उन्होंने सादे सत्तू की जगह सत्तू में नट्स और ओट्स को मिला कर गुड़ के मिश्रण के साथ एक स्वादिष्ट इंस्टेंट ब्रेकफास्ट के रूप में लोगों के सामने परोसा। रिसर्च और नए प्रयोग ही उनकी सफलता की मूल वजह है।

रिधिमा कहती हैं कि खरीदार की प्राथमिकताओं को समझना व्यवसाय का सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा था। अब जब उत्पादों को उपभोक्ताओं द्वारा सराहा जा रहा है, तो मैं ख़ुशी महसूस कर रही हूँ।

कंपनी इंस्टेंट ब्रेकफास्ट के लिए खाद्य-पदार्थों से लेकर स्नैक्स और आयुर्वेदिक चाय जैसे तमाम उत्पादों की विभिन्न श्रेणियां प्रदान करती है। सभी उत्पादों को आयुर्वेदिक प्रथाओं का उपयोग करके बनाया जाता है और साथ ही मानव शरीर के लिए जैविक रूप से अनुकूल भी।

ऑनलाइन व्यापार और अंतर्राष्ट्रीय बाजारों नजर रखते हुए रिधिमा का दृढ़ता से मानना है कि भारतीय स्थानीय अवयवों पर आधारित खाद्य पदार्थों की ओर बाजार में जल्दी ही व्यापक बदलाव होगा। उन्हें उम्मीद है कि यह आने वाले समय में एक क्रांति पैदा करेगा और लोग खुद को पहले से कहीं ज्यादा, शारीरिक और मानसिक दोनों दृष्टिकोण से गंभीर होंगे।

वर्तमान में, रिधिमा अगले एक साल में 1 करोड़ के टर्नओवर का लक्ष्य बना रखी हैं। उनका प्रमुख उद्देश्य यह है कि लोग क्या खाते हैं, यह बदलकर स्वस्थ जीवन शैली के अनुकूल वह हर किसी की मदद करें। साथ ही, नौकरी और व्यवसाय से हाथ धो चुके लोगों की मदद के लिए उन्होंने नामह्या साथी नाम से एक प्रोग्राम लॉच किया है, जहाँ कोई भी व्यक्ति बिना किसी न्यूनतम आर्डर शर्त के बिना रिटेलर मार्जिन पर कंपनी के वितरण नेटवर्क का हिस्सा बन सकता है। कई लोग मुहीम से जुड़कर व्हाट्सएप समूहों के अपने पहले से ही स्थापित नेटवर्क के माध्यम से अतिरिक्त आय कर पा रहे हैं।

कायदे से देखें तो भारत में साल 2018 में आयुर्वेद बाजार का मूल्य लगभग 300 बिलियन था, और 16 फीसदी की चक्रवृद्धि वार्षिक वृद्धि दर से साल 2024 तक इसके 710.87 बिलियन तक पहुंचने की उम्मीद है। 2018 में, लगभग 75 फीसदी भारतीय परिवारों ने आयुर्वेदिक उत्पादों का उपयोग किया, वहीं साल 2015 में यह केवल 67 फीसदी था।

इसमें कोई शक नहीं है कि हाल के वर्षों में, एक समग्र चिकित्सा प्रणाली के रूप में, आयुर्वेद ने आयुर्वेदिक उत्पादों और सेवाओं के रूप में विकास देखा है। एक स्वस्थ जीवन शैली के महत्व के बारे में जागरूकता बढ़ने, रासायनिक मुक्त प्राकृतिक उत्पादों के पक्ष में बढ़ती प्राथमिकता, साथ ही साथ सरकार की अनुकूल पहल ने भारत में आयुर्वेद बाजार का विस्तार किया है। ऐसे में इस क्षेत्र में एक बड़ी कारोबारी संभावना से इनकार नहीं किया सकता।

सफलता प्राप्त करने का कोई ट्रिक नहीं होता। विभिन्न प्रयासों के बाद ही आप जीवन का सच्चा लक्ष्य पाते हैं – एक ऐसा लक्ष्य जो जीवन भर हममें सर्वोत्कृष्ट ऊर्जा का संचार कर सकता है। रिधिमा ने अपनी सफलता से यह साबित कर दिखाया है।

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