जरुर पढ़ें: 5 रुपये से शुरुआत कर अरबों का मालिक बनने वाले नाई रमेश बाबू का सफलता मंत्र

यह कहानी आपको पढ़ने में थोरी अटपटी लग सकती है लेकिन यह सच है कि बेंगलुरु में एक ऐसा अरबपति जो रोल्स रॉयस से चलता है, पर आज भी लोगों के बाल काटता है। इस नाई की प्रॉपर्टी आज अरबों में आंकी जाती है। आपको विश्वास नहीं होगा की इनके पास आज दुनिया की कई महंगी गाड़ियाँ भी है। यूँ कहे तो यह शख्स आज एक नाई नहीं बल्कि एक सेलेब्रिटी की जगह ले चुके हैं।

बेंगलुरु के अनंतपुर के रहने वाले रमेश जब सात साल के थे, तभी उनके पिता की मौत हो गई थे। पिता के मौत के बाद परिवार की सारी जिम्मेदारी उनकी माँ के कंधे आ गया। उनकी माँ लोगों के घर में काम-काज कर अपने परिवार का भरण-पोषण करने लगी।

उनके पिता चेन्नई में एक सैलून चलाते थे लेकिन उनकी मृत्यु के बाद इन्होनें उस दुकान को 5 रुपये की मामूली किराये पर दूसरे को दे दिया। रमेश अपने भाई-बहनों में सबसे बड़े थे, इसलिए उन्होंने माँ की मदद करने शुरू कर दिए। साथ-ही-साथ सरकारी स्कूल से पढाई भी करने लगे और किसी तरह दसवीं तक पढाई पूरी की।

कुछ दिन माँ के साथ काम करने के बाद उन्होंने अखबार और दूध बेचकर अपने परिवार की मदद करने लगे। इसी दौरान उन्होंने बारहवीं की परीक्षा के लिए पढ़ाई की लेकिन असफल रहे। फिर बाद में उन्होंने ख़ुद के बचाए चंद पैसों से इंडस्ट्रियल ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट से इलेक्ट्रॉनिक्स में डिप्लोमा किया।

डिप्लोमा करने के बाद भी उन्हें कोई ढंग की नौकरी नहीं मिली। फिर अंत में उन्होंने अपने पिता द्वारा स्टार्ट की गई सैलून को नए सिरे से शुरुआत करने की योजना बनाई।

1989 में उन्होंने एक बार फिर पिता की दुकान वापस लेकर उसमें कई तरह के मॉडर्न बदलाव करते हुए नए सिरे से आरम्भ किया। धीरे-धीरे उनकी दुकान चलनी लगी और फिर उन्होंने कुछ पैसों से एक मारुती वान खरीदी। वो ख़ुद तो बाल काटते इसलिए एक ड्राइवर को नौकरी पर रखकर उन्होंने अपनी गाड़ी को भाड़े पर लगाने शुरू कर दिए।

शुरूआती सफलताओं के बाद उन्होंने साल 2004 में अपनी कंपनी रमेश टूर एंड ट्रेवल्स की शुरुआत की। धीरे-धीरे उनके पास 200 कारें हो गईं, जिसमें रोल्स रॉयस, मर्सिडिस और बीएमडब्ल्यू जैसी लग्जरी कार भी शामिल हैं। रमेश अपनी कारों को एक हजार से लेकर 50 हजार रुपए तक किराए पर देते हैं। आपको यह जानकार हैरानी होगी कि 2004 में बेंगलुरु में वे ही ऐसे पहले शख्स थे जो लग्जरी कार किराए पर देते थे।

रमेश बाबू के टिप्स उन्हीं के शब्दों में: यदि आप ईमानदारी से कड़ी मेहनत और संघर्ष करेंगें तो आपको सफल होने से दुनिया की कोई भी ताकत नहीं रोक सकती। भाग्य के एक छोटे से समर्थन से हर कोई अपने सपनों को प्राप्त कर सकता है। लेकिन व्यक्ति को चाहिये कि वो अपनी नम्रता को हमेशा बरक़रार रखे।

कहानी पर आप अपनी प्रतिक्रिया नीचे कमेंट बॉक्स में दे सकते हैं हैं और इस पोस्ट को शेयर अवश्य करें

Story Of A Labor Who Built Rs 1,600 Cr Empire From Nothing

10,000 रुपये से शुरू होकर 350 करोड़ का टर्नओवर, आज 50 देशों में फैल चुका है कामयाबी का साम्राज्य