दिवालियेपन को मात देकर शून्य से 250 करोड़ की कंपनी का निर्माण करने वाले एक प्रेरक व्यक्तित्व

वैसे तो यह कहानी देश के एक दिग्गज आईटी उद्यमी की है लेकिन यह जानकर आपको आश्चर्य होगा कि करोड़ों रूपये की कंपनी के मालिक होने के बावजूद ये आपको बंगलौर की सड़कों पर साइकिल से चलते दिख जायेंगें। सादा जीवन और उच्च विचार में विश्वास रखने वाले इस शख्स को कारोबार में सफलता हासिल करने के लिए अनगिनत संघर्षों का सामना करना पड़ा। हार न मानते हुए दिवालियेपन को मात देकर शून्य से 250 करोड़ की कंपनी का निर्माण करने वाले इस शख्स की कहानी बेहद प्रेरणादायक है।

हम बात कर रहें हैं सीटीआरएलएस अर्थात् कंट्रोलएस नाम की एक टीयर4 डाटा सेंटर की आधारशिला रखने वाले श्रीधर पिन्नपुरेड्डी की सफलता के बारे में। हैदराबाद के मध्यम-वर्गीय परिवार से ताल्लुक रखने वाले श्रीधर को स्कूल के समय से ही कंप्यूटर में बेहद रूचि थी। उन्होंने उसी वक़्त मन बना लिया था कि आगे सूचना प्रोद्योगिकी के क्षेत्र में ही कामयाबी हासिल करनी है। एक सफल आईटी उद्यमी बनने का लक्ष्य लिए श्रीधर की जिंदगी में कई बार उतार-चढ़ाव आये, लेकिन उन्होंने अपने अंदर के आत्मविश्वास को कभी खत्म नहीं होने दिया।

साल 2001 में उन्होंने बतौर इंटरनेट सर्विस प्रोवाइडर अपने कैरियर की शुरुआत की। कुछ सालों तक काम करने के बाद उन्हें कारोबार में नुकसान होने शुरू हो गये। भयंकर नुकसान के बावजूद उन्होंने सभी लोगों का भुगतान किया और लोगों के प्रति अपने विश्वास को कायम रखा। इतना ही नहीं ऐसी विषम परिस्थिति में भी उन्होंने खुद को संभाले रखा और नए सिरे से कुछ नया करने का फैसला किया।

काफी सोच-विचार करने के बाद साल 2006 में श्रीधर ने अपनी टीम के साथ टीयर4 डाटा सेंटर के आइडिया के बारे में बात की। उस समय तकनीकी टीम ने अपने हाथ खड़े कर दिए थे और निवेशक भी डाटा सेंटर कारोबार में निवेश करने के एकदम खिलाफ थे। उस वक़्त मुश्किल ऐप्लिकेशन के देखरेख को लेकर काफी चुनौती थी, उनका मानना था कि आगे जाकर ये समस्याएं पैदा कर सकती हैं। बावजूद इसके श्रीधर ने इस तरफ कदम रखा क्योंकि वह जानते थे कि इसमें ही भविष्य है।

अपने आइडिया के साथ आगे बढ़ते हुए साल 2008 में इन्होंने सीटीआरएलएस की स्थापना की। निवेशकों के खिलाफ जाने का फैसला उन्हें महंगा पड़ा और लगभग सारे बड़े निवेशक ने उन्हें छोड़ दिया। हालांकि, श्रीधर ने हिम्मत नहीं हारी और काम करते चले गये। अपने काम से एक बार फिर निवेशकों का ध्यान आकर्षित करते हुए साल 2013 में श्रीधर ने उन तमाम निवेशकों को वापस आश्वस्त कर लिया, जो उन्हें छोड़कर चले गये थे।

सीटीआरएलएस एक ऐसा प्लेटफार्म है जहाँ कॉर्पोरेट और बैंकों को उनके जरुरत अनुसार सेवाएं प्रदान की जाती है। हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर के जरिए यह कंपनी अपने क्लाइंट के डाटा सेंटर को संभालने और सुरक्षित रखने की जिम्मेदारी लेती है। अपनी इस जिम्मेदारी को बखूबी निभाते हुए उन्होंने दुनिया की कई बड़ी कंपनियों को अपना क्लाइंट बना चुके हैं।

सीटीआरएलएस आज देश और दुनिया के 2 हज़ार से ज्यादा ग्राहकों को संतोषजनक सेवाएं प्रदान कर रहा है। कम पैसे में बेहतर सुविधा प्रदान कर सीटीआरएलएस आज गूगल, अमेज़न एडब्लूएस, और फेसबुक जैसी वैश्विक दिग्गज कंपनी को टक्कर दे रही है। कंपनी की मार्केट वैल्यूएशन लगभग 250 करोड़ के पार है।

श्रीधर का मानना है कि आपके मन में जो भी बिज़नेस आइडिया आ रहा है, उसके साथ आगे बढ़ने की जरुरत है। कारोबार को शुरू करने में काफी उतार-चढ़ाव झेलने पड़ सकते हैं लेकिन आपको अपनी दृढ़ इच्छाशक्ति को कभी हिलने नहीं देना है।

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निवेशकों द्वारा नकारे जाने के बाद भी उन्होंने हार नहीं मानी और बना डाला 2500 करोड़ का साम्राज्य