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निजी जिंदगी में हुई परेशानी में दिखा आइडिया, आज हैं लाखों ग्राहक, हो रहा करोड़ों का व्यापार

कायदे से देखें तो नए आइडिया के साथ आगे बढ़ते हुए शून्य से शुरुआत कर एक सफल उद्योग की स्थापना करना चुनौतियों से भरा होता है। ख़ासकर महिलाओं के लिए यह चुनौतियाँ और अधिक हो जाती है। हालांकि पिछले कुछ वर्षों में एक स्वागत योग्य परिवर्तन देखने को मिला है। कई भारतीय महिलाएं ‘मोम्प्नपर्स’ बन रही हैं – बच्चों के जन्म, उनका पालन-पोषण और साथ ही एक सफल उद्यम का संचालन, बेहद कुशलता से इन सब के बीच संतुलन बना रही हैं।

हमारी आज की कहानी एक ऐसी ही सफल महिला उद्यमी के बारे में है, जिनकी जीवन-यात्रा में समय-प्रबंधन और दक्षता का बेजोड़ समावेश है। करोड़ों रुपये का टर्नओवर करने वाली कंपनी सुपरबॉटम्स की संस्थापिका पल्लवी उटागी आज एक सफल महिला उद्यमी के रूप में हमारे सामने खड़ी हैं।

पल्लवी ने मुंबई से एमबीए किया और एक ब्रांड-मैनेजर के रूप में काम करना शुरू किया – उन्होंने आईपिल, आईकैन और आईस्योर जैसे कई बड़े ब्रांड्स के लिए काम किया। बतौर एक ब्रांड-मैनेजर असाधारण रूप से अच्छा काम करने और अच्छी ख्याति प्राप्त करने के बाद, पल्लवी के जीवन में एक महत्वपूर्ण दौर आया और वह परिणय सूत्र में बंध गई। विवाह और उसके बाद के मातृत्व जिम्मेदारियों ने उन्हें नौकरी छोड़ने को विवश किया, लेकिन साथ ही जीवन ने उन्हें अपनी प्रतिभा को दुनिया के सामने पेश करने का एक मौका दिया।

अपने बच्चे के जन्म के बाद, पल्लवी ने महसूस किया कि बच्चे की त्वचा के लिए बाजार में उपलब्ध डायपर अच्छे नहीं होते और साथ ही प्रथागत ‘लंगोट’ भी उतनी उपयोगी नहीं होती क्योंकि उन्हें बार-बार बदलने की आवश्यकता होती है। पल्लवी ने एक ऐसी सामग्री का शोध और विकास किया, जिसमें अतिरिक्त रूप से सोखने की क्षमता है और फिर यहीं से सुपरबॉटम्स की आधारशिला रखी गई। इस ब्रांड के बैनर तले एक ऐसे डायपर का उत्पादन शुरू हुआ, जो डिस्पोजेबल डायपर की तरह सुविधायुक्त और एक लंगोट की तरह आरामदायक है।

पल्लवी ने केनफ़ोलिओज़ को बताया, “मेरे लिए एक और मुद्दा यह था कि डिस्पोजेबल डायपर के कारण पर्यावरण पर खतरनाक प्रभाव पड़ा।”

उनके ब्रांड को शुरूआत में अच्छी प्रतिक्रिया मिली, लेकिन पल्लवी के लिए मातृत्व की महत्वपूर्ण जिम्मेदारियों को देखते हुए व्यवसाय को बनाए रखना और उसे आगे बढ़ाना आसान नहीं था, लेकिन एक ब्रांड-मैनेजर के रूप में उनका अनुभव काम आया और फिर उन्होंने एक स्मार्ट मार्केटिंग मॉडल का उपयोग किया। उन्होंने सोशल मीडिया का इस्तेमाल करते हुए नए-पुराने लोगों के साथ जुड़ने शुरू किया और उन्हें फेसबुक और व्हाट्सएप समूहों में जोड़ा। पल्लवी के अच्छे संचार कौशल के साथ विचार ने उनके सार्थक वार्तालाप को आगे बढ़ाने और अपने ब्रांड के लिए अच्छे व्यवसाय का निर्माण करने में मददगार साबित हुई। उनके प्रयास तब फलदायी हो गए जब उन्हें हर तरफ से तारीफ मिलनी शुरू हुई।

“एक बार जुड़वा बच्चों के माता-पिता ने मुझे चुनौती दी कि यह डायपर पूरी रात नहीं चलेगी। लेकिन अगली सुबह उसने मुझे बुलाया और कहा कि यह वास्तव में एक रात तक चला। यह सबसे जबरदस्त तारीफ थी और मुझे अपने विचार पर विश्वास था ”- पल्लवी ने केनफ़ोलिओज़ को बताया।

हालांकि बहुत दुर्लभ नहीं है, लेकिन पल्लवी उन महिलाओं में से एक हैं जो एक बच्चे और एक व्यापार विचार के समानांतर जन्म के उदाहरण स्थापित करती हैं। साल 2016 में एक व्यक्तिगत कठिनाई को दूर करने के उद्देश्य से हुई छोटी शुरुआत अब एक लाख से अधिक ग्राहकों की सेवा करने वाले मल्टी करोड़ ब्रांड में तब्दील हो चुका है। यह ब्रांड हर साल पांच गुना दर से बढ़ रहा है। साल 2023 के अंत तक पल्लवी इसे 100 करोड़ टर्नओवर के लीग में शामिल करने हेतु प्रतिबद्ध हैं।

जीवन में अर्जित कौशल का उचित उपयोग करने और समस्या का निवारण करने का एक उदाहरण, पल्लवी की कहानी कई माताओं को ‘मॉमप्रेन्योर’ बनने हेतु प्रेरित करने के लिए एक मील का पत्थर साबित होगा।

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