देर से ही सही, मानवता ने यह महसूस करना शुरू कर दिया है कि महिला सशक्तिकरण के बिना समाज में विकास असंभव है। इस अहसास ने विभिन्न अभियानों और परियोजनाओं को गति प्रदान की है, जो बड़े पैमाने पर महिलाओं को सशक्त बनाने का इरादा रखते हैं। इसी कड़ी में नेचुरल्स सैलून की श्रृंखला ने भी अपने विशिष्ट व्यवसाय मॉडल से महिलाओं के वित्तीय सशक्तिकरण में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है।

नेचुरल्स सैलून श्रृंखला के सह-संस्थापक और मुख्य कार्यकारी अधिकारी श्री सीके कुमारवेल एक व्यवसायी परिवार से ताल्लुक रखते हैं। अपने पिता के निधन के बाद बच्चों की परवरिश के लिए अपनी माँ के संघर्ष को उन्होंने बचपन से ही बेहद करीब से देखा। वह महज़ तेरह वर्ष के थे, जब उनके पिता की मृत्यु हो गई। उनकी माँ ने घर की तमाम जिम्मेदारियों को भली-भांति पूरा करते हुए कर्ज के तले दबे कारोबार का भी संचालन किया तथा अपने बच्चों की भी अच्छे से परवरिश की। उन्हें न सिर्फ माँ से प्रेरणा मिली बल्कि उनके भीतर महिलाओं की प्रतिभा और क्षमता के प्रति एक विशेष दृष्टिकोण भी विकसित हुई।
युवावस्था तक कुमारवेल ने अपने भाइयों के साथ मिलकर पैतृक व्यवसायों का संचालन किया, लेकिन अपनी शादी के बाद, उन्होंने स्वयं के कुछ करने की योजना बनाई। यह वर्ष 2000 था, उन्होंने अपनी पत्नी वीणा कुमारवेल के साथ मिलकर एक व्यावसायिक उद्यम शुरू करने का फैसला किया। इस व्यवसाय के तहत वह अन्य महिलाओं को भी आर्थिक रूप से सशक्त बनाने की ओर संकल्पित थे।
काफी रिसर्च के बाद उन्हें तीन ऐसे क्षेत्र दिखे, जहाँ व्यापार की अनंत संभावनाएं थी। एक प्रीस्कूल, बुटीक या फिर एक सैलून, ये तीन विकल्प उनके सामने थे। काफी सोच-विचार के बाद उनकी पत्नी ने उन्हें सैलून व्यवसाय को चुनने को कहा और फिर दोनों ने सस्ती दरों पर उच्च गुणवत्ता वाले सुविधाओं के साथ अपने ब्रांड नेचुरल लॉन्च किए। उस समय, गुणवत्ता सैलून सेवाएं केवल पाँच सितारा होटलों में उपलब्ध थीं, जिससे यह आम लोगों की पहुंच से बाहर थी। हालांकि, उन्हें ब्यूटी सैलून के बारे में ज्यादा जानकारी नहीं थी, लेकिन फिर भी उन्होंने नवाचार के माध्यम से इस क्षेत्र में अपनी कामयाबी की नींव डाल दी।

नैचुरल्स सैलून के लिए, पूरे भारत भर में 680 से अधिक शाखाओं में विस्तार करना आसान नहीं था। व्यवसाय के पहले छह साल तो घाटे को कम करने में ही बीत गए। कुमारवेल ने अपनी सैलून श्रृंखला के विस्तार के लिए बैंकों से संपर्क किया, लेकिन उनमें से अधिकांश ने सैलून व्यवसाय को अनुचित मानते हुए इसे ठुकरा दिया। हालांकि, उन्होंने अपने प्रयासों को जारी रखा जब एक बैंकर ने सैलून उद्योग में विश्वास की कमी के बावजूद पुनर्भुगतान के लिए उन पर भरोसा किया। छह वर्षों के लगातार मेहनत के बाद नेचुरल्स सैलून की कुल छह शाखाएं खुली और वह चेन्नई की सबसे बड़ी सैलून श्रृंखला बन गई।
अपनी पत्नी की इच्छा के कारण शुरू किए गए एक व्यापार विचार पर लगभग दो दशकों के कठिन काम के बाद, कुमारवेल के नैचुरल्स सैलून ने विकास और उद्योग परिवर्तन के मामले में एक जबरदस्त मुक़ाम हासिल किया है। जिस उद्योग को कभी वर्जित उद्योग माना जाता था, उसे कुमारावेल के प्रयासों के कारण न सिर्फ प्रमुखता मिली है बल्कि उनके ब्रांड जेनेलिया डिसूजा और करीना कपूर जैसी प्रमुख बॉलीवुड हस्तियों ने भी समर्थन दिया। कुमारवेल ने हेयरड्रेसर और स्टाइलिस्ट के पेशे में महिलाओं के लिए अनंत अवसरों का द्वार खोला, जिसके लिए वह प्रशंसा के पात्र हैं।

एक विचार जो उनकी पत्नी के लिए एक अवसर बनाने के विचार के साथ शुरू हुआ था, आज नैचुरल सैलून के बैनर तले 680+ शाखाओं, 10000 + कर्मचारियों, 400+ महिला उद्यमियों के साथ एक लंबा सफ़र तय करते हुए भारत की सबसे बड़ी सैलून श्रृंखला के रूप में हमारे सामने है।
कुमारवेल की कहानी वाकई में प्रेरणा से भरी है। जहाँ सोच में नवाचार हो, लक्ष्य प्राप्ति के लिए कुछ कर गुजरने की तमन्ना हो और एक ऐसा लक्ष्य हो जिससे औरों के लिए भी तरक्की का रास्ता खुल जाए, फिर सफल होने से कोई नहीं रोक सकता।
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