प्रेरणादायक: बिना ईंधन से चलने वाली बाइक के जरिये क्रांति ला रहे हैं ये दो व्यक्ति

हमारे देश में कई प्रतिष्ठित बिज़नेसमैन रहे हैं, लेकिन आए दिन हमें कई नए प्रतिभाशाली उद्यमियों से मिलने का मौका मिलता है। आपने कभी सोचा है कि एक बिज़नेसमैन और एक उद्यमी में मूल अंतर क्या है?

एक व्यवसायी और एक उद्यमी के बीच मौलिक असहमति एक समस्या को हल करने के बारे में है। व्यवसायी पैसा बनाने में अधिक दिलचस्पी रखते हैं, जबकि उद्यमी एक समस्या को हल करने को ज्यादा तबज्जो देते हैं। और जब हम एक समस्या को हल करने के बारे में बात करते हैं, तो वर्तमान समय में मानवता के लिए सबसे बड़ी समस्या पर्यावरणीय चुनौतियां हैं। पुणे स्थित ई-बाइक कंपनी ‘ईमोटैड’ ने इसी चुनौती को हल करने का बीड़ा उठाया है।

कुणाल गुप्ता के नेतृत्व में, आज यह कंपनी ई-बाइक की अपनी अनूठी रेंज के साथ पर्यावरण प्रदूषण को कम करने की एक भविष्यवादी सोच को अंजाम देने की दिशा में कार्यरत है।

कुणाल जब अपनी मास्टर्स की पढ़ाई कर रहे थे, तभी उन्होंने पुणे शहर में सार्वजनिक वाहन की किफायती उपलब्धता की कमी को महसूस किया। और यहीं से उनकी उद्यमशीलता की यात्रा शुरू हुई। कुणाल और उनके दो दोस्तों ने अपने साथी छात्रों को मोटरबाइक किराए पर देना शुरू किया और अच्छा मुनाफा कमाया। अपनी पढ़ाई पूरी करने के उन्होंने ONN बाइक के बैनर तले अपने सपने की नींव रखी।

चार साल की एक कठिन किन्तु सफल यात्रा के बाद, कुणाल ने साल 2020 में ONN बाइक को छोड़ने का निश्चय किया – कुछ नए और चुनौतीपूर्ण काम करने के इरादे से। हालांकि, ONN के साथ उनका कार्यकाल वास्तव में सफल रहा – ONN ने वास्तव में अच्छा किया और कई राउंड में निवेश भी हासिल किए।

वर्ष 2020 में, कुणाल ने ईमोटैड के संस्थापक राजीव गंगोपाध्याय के साथ हाथ मिलाया। राजीव के पास ई-बाइक के लिए आवश्यक पहला भारतीय एचएसएन कोड है – जो उन्हें भारत में ई-बाइक बनाने वाली सबसे अग्रणी कंपनियों की सूची में शुमार करता है। उनके नेतृत्व में कंपनी ने ई-बाइक के 34 संभावित मॉडल तैयार किए और इस क्षेत्र में विशेषज्ञों के साथ चर्चा कर पांच सर्वश्रेष्ठ मॉडल को बाजार में उतारा।

“ई-बाइक का प्रचलन यूरोप में सालों पहले शुरू हुई थी और कई यूरोपीय देश ई-बाइक का उपयोग करने के लिए अपने नागरिकों को भुगतान भी करते हैं – जो परिवर्तन को शक्ति देने के लिए रिवर्स कराधान है” राजीव ने बताया।

वर्तमान में, ईमोटरैड एंट्री-लेवल ई-बाइक से शुरू होकर प्रीमियम ई-बाइक और गुड्स डिलीवरी ई-बाइक तक पांच अलग-अलग मॉडल पेश कर रहा है। सभी बाइक उच्च गुणवत्ता वाली सामग्री से बनी हैं और तीन ऑपरेटिंग मोड के साथ एक हाइब्रिड अनुभव प्रदान करती हैं। एक पेडल मोड बाइक मॉडल भी है जो साइकिल के रूप में उपयोग करने का विकल्प देता है।

सभी बाइक्स में एक बैटरी (चार्जिंग इंडीकेटर के साथ) होती है जिसे पूरी तरह से चार्ज होने में 2.5 से 4 घंटे का समय लगता है। बाइक एक बार में 60 किमी तक की यात्रा कर सकती है और यह तीन साल की वारंटी के साथ आती है। यह 35 से 70 हज़ार के मूल्य टैग पर बाज़ार में उपलब्ध है।

“कोविड -19 महामारी ने हमें चिंतित किया क्योंकि हम दीवाली के दौरान उच्च बिक्री की योजना बना रहे थे। लेकिन हमें वाकई में लोगों से अच्छी प्रतिक्रिया मिली, लगभग 45 दिनों में हमनें 1200 बाइक बेच की” कुणाल ने केनफ़ोलिओज़ के साथ बातचीत में बताया।

वैश्विक पर्यावरणीय संकट जो अपने आप में किसी महामारी से कम नहीं है, उसका मुकाबला करने के लिए ईमोटोरड ई-बाइक एक स्मार्ट बहुउद्देशीय समाधान है। ईमोटोरड बाइक को भारतीय कानूनों के अनुरूप बनाने के लिए 25 किमी / घंटे की गति तक सीमित रखा गया है, हालांकि कंपनी भारत में ई-बाइक क्रांति के कानूनों और दिशानिर्देशों को लागू करने के लिए अधिकारियों के साथ बातचीत कर रही है।

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