मजबूत इरादों के साथ एक छोटे से गैराज से हुई शुरुआत, आज है 8000 करोड़ का एम्पायर

अगर आपने मन में कुछ सोच लिया तो कुछ भी कर पाना संभव है। सबसे पहले आप समझिए कि आपके लिए क्या महत्वपूर्ण है, फिर आप अपने जुनून का उपयोग कर कुछ भी हासिल कर सकते हैं।

आज की हमारी स्टोरी 68 साल के रविन्द्र किशोर सिन्हा की है जिन्होंने एक छोटे से गैराज से शुरू कर आज एशिया के सबसे बड़े मानव शक्ति से युक्त सुरक्षा फर्म्स के संचालक है। यह अपने आप में प्रेरणादायक है।

इनका जन्म और पालन-पोषण पटना के एक निम्न मध्यम वर्गीय परिवार में हुआ था। उन्होंने अपने छह भाई-बहनों के साथ-साथ सरकारी स्कूल से प्रारंभिक शिक्षा प्राप्त की। उसके बाद उन्होंने यह तय किया की वह पोलिटिकल साइंस में उच्च शिक्षा की पढ़ाई करेंगे। अपने परिवार की आर्थिक जरूरतों को पूरा करने के लिए इन्होंने एक पार्ट टाइम नौकरी ज्वाइन कर ली। यह नौकरी अपराध और राजनैतिक रिपोर्टिंग से जुड़ी जर्नलिस्ट की थी जिसका नाम सर्चलाईट था।

भारत -पाकिस्तान तनाव की रिपोर्टिंग के दौरान उन्हें बिहार रेजीमेंट के बॉर्डर पोस्ट पर रुकने का मौका मिला। तब उन्हें सिक्योरिटी और इंटेलिजेंस सर्विस के बारे में एक आईडिया आया। 1973 में जयप्रकाश नारायण की राजनैतिक सक्रियता से सहानुभूति रखने पर उन्हें नौकरी से निकाल दिया गया। उसके बाद उन्होंने बहुत सारी नौकरी की तलाश की पर उनके आशा के अनुरूप नौकरी नहीं मिल पा रही थी।

उनके कुछ दोस्त कंस्ट्रक्शन के बिज़नेस में थे और उन्हें अपने प्रोजेक्ट साइट के लिए गार्ड की जरुरत थी। सिन्हा जी ने तब उन्हें रिटायर्ड सैनिक दिए और तब उन्हें यह पता लगा कि प्राइवेट सिक्योरिटी एजेंसीज में भी बिज़नेस के मौके हैं। तब उन्होंने अपनी खुद की कंपनी खोलने का निश्चय किया। आखिर 1974 में पटना में एक छोटे से गैरेज को लीज़ पर लेकर “सेक्युरिटी और इंटेलिजेंस सर्विसेज” (SIS इंडिया लिमिटेड) नामक कंपनी खोली।

पहले साल में SIS इंडिया लिमिटेड ने 250 सेना के आदमी रखे और लगभग एक लाख रूपये का कारोबार हासिल किया। 1988 में SIS इंडिया लिमिटेड ने अपना एक नया विभाग खोला; ट्रेनिंग अकादमी का, जहाँ लाखों की संख्या में सिक्योरिटी गार्ड्स को ट्रेनिंग दी जाती थी।

2005 में कंपनी का टर्न-ओवर 25 करोड़ के पास पहुँच गया। उन्होंने दूसरे देशों में भी कंपनी खोलने का निश्चय किया। 2008 में SIS इंडिया लिमिटेड ने ऑस्ट्रेलिया की सबसे बड़ी कंपनी चब-सिक्योरिटी को 1000 करोड़ में खरीद लिया। आज SIS एशिया की सबसे अधिक मैनपॉवर वाली सिक्योरिटी फर्म बन गई है। आज इनके यहाँ लगभग 70,000 कर्मचारी काम करते हैं।

SIS इंडिया लिमिटेड आज 2000 से भी अधिक कॉर्पोरेट इंडस्ट्रीज को सिक्योरिटी प्रदान कर रही है जिसमे टाटा स्टील, टाटा मोटर और आईसीआईसीआई बैंक शामिल हैं। वर्तमान में SIS इंडिया लिमिटेड का मार्केट कैप क़रीब 8000 करोड़ का है।

2014 में सिन्हा संसद के ऊपरी सदन के सदस्य के रूप में राज्यसभा के लिए चुने गए थे। वह बिहार राज्य से भारतीय जनता पार्टी के प्रतिनिधि के रूप में चुने गए थे।

2006 में नुकसान की रोकथाम के प्रमोटर पुरस्कार से उन्हें नवाज़ा गया। पंजाब सरकार के द्वारा उन्हें CAPSI प्रतिष्टित लाइफ टाइम अचीवमेंट अवार्ड से भी सम्मानित किया गया। उनके द्वारा किये गए असाधारण उपलब्धि उनके साहस, दृढ़ता और उनकी इच्छाशक्ति का परिणाम है। 

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