हमारे आसपास हर रोज न जाने कितनी सफलता की कहानियां लिखी जाती हैं, हर रोज न जाने कितने सपने बनते और पूरे होते हैं। जिंदगी हमें कदम-कदम पर यह सिखाती है कि अगर हम मेहनतकश हैं, तो सफलता हमारे दरवाजे तक खुद चलकर आती है। तमाम सफल लोगों को यह बात दोहराते सुना जा सकता है कि, हमारी तरक्की और कामयाबी इस बात पर बिल्कुल भी निर्भर नहीं करती कि हम किस परिवेश से ताल्लुक रखते हैं, बल्कि इस बात पर निर्भर करती है कि हम अपने सपनों को पूरा करने के लिए कितनी दूर तक चलने को तैयार हैं।
वास्तव में अगर आप में हिम्मत और ज़ज़्बा है तो आपके सपने आपको भले ही देर से मिलें, लेकिन एक न एक दिन मिलते जरूर हैं। और ऐसा ही एक उदाहरण हमें लखनऊ की रिया शुक्ला में मिलता है, जिन्होंने रुपहले पर्दे तक का अपना सफर संघर्षों के रास्तों से निकलते हुए तय किया। रिया, 2018 में रिलीज हुई फिल्म, हिचकी में एक अहम भूमिका निभा रही हैं। हालांकि इस फिल्म में रिया के डायलॉग्स कुछ कम हैं, लेकिन रानी मुखर्जी के साथ स्क्रीन शेयर करना ही उनके लिए बहुत बड़ी उपलब्धि है।
केनफ़ोलिओज़ से ख़ास बातचीत में रिया ने अपने सफलता की कहानी को साझा किया
संकरी गलियों से सपनों के शहर तक का सफर
रिया लखनऊ के अलीगंज इलाके में एक छोटे से सरकारी क्वार्टर में रहती हैं, यह सरकारी क्वार्टर उनके पापा को सरकार की तरफ से मिला हुआ है। स्वरा भास्कर की बहुचर्चित फिल्म, ‘निल बटे सन्नाटा’ से बॉलीवुड में एंट्री करने वाली रिया शुक्ला के पिता पीडब्लूडी डिपार्टमेंट में कार्यरत हैं और उनकी मां एक सफल गृहिणी हैं। रिया अपने परिवार के साथ अलीगंज की उन्हीं संकरी गलियों में पली बढ़ी हैं, वो एक छोटे से घर में रहती हैं, जहां उनके साथ उनके 3 भाई-बहन और रहते हैं। उनका घर भले ही छोटा हो, लेकिन उनके सपने बड़े जरूर हैं। हमेशा से आसमान छूने के ख्वाब देखने वाली रिया ने आख़िरकार अपनी मेहनत से आज वो मुकाम पाया भी है। उनकी फिल्म, हिचकी और उसमें उनका किरदार, दोनों ही न केवल लखनऊ में बल्कि पूरे देश में चर्चा का विषय बन रहे हैं।
ऐसे मिला रिया को फिल्मों में अपना पहला रोल
रिया बताती हैं कि वे क्लासिकल डांसर भी हैं, उनके गुरु ने एक दिन उन्हें अपने पास बुलाकर कहा कि, “एक फिल्म का ऑडिशन चल रहा है, तुम जाना चाहोगी?”। इसके बाद उन्होंने हाँ कर दिया, और वो ऑडिशन देने गयी जहाँ फिल्म की डायरेक्टर को उनकी अभिनय कला इतनी पसंद आयी कि उन्होंने रिया को फिल्म में मुख्य किरदार के लिए चयनित कर लिया।
फिल्मों में अपना पहला ब्रेक मिलने की कहानी बताते हुए वो कहती हैं कि, “क्लासिकल डांस सिखने के दौरान ही मुझे निल बट्टे सन्नाटा के ऑडिशन का पता लगा, मेरी अभिव्यक्ति फिल्म के डायरेक्टर को बहुत पसंद आई और ऑडिशन खत्म होने के बाद उनका कहना था कि, अप्पू का रोल मेरे लिए ही बना है।”
हालाँकि यह सब जितना सुनने में आसान लग रहा है, फिल्मों में कदम रखना उनके लिया उतना आसान भी नहीं था। दरअसल रिया उस ऑडिशन के वक़्त उम्र में काफी छोटी थी और उन्होंने इससे पहले कभी अभिनय नहीं किया था, इसके अलावा उनके पिता उन्हें बॉलीवुड में भेजने को बिलकुल तैयार नहीं थे, हालाँकि काफी समझाने के बाद उन्होंने खुद को तैयार किया और आज रिया को लगातार मिल रही सफलता और तरक्की को देखकर वे सभी बहुत खुश हैं।
दर्शकों से मिलता है प्यार, परिवार को उपहार स्वरूप दिया घर
हालाँकि रुपहले परदे पर अपने अभिनय के कारण वाहवाही बटोर रही रिया यह भी कहती हैं कि, “अब मुझे अचानक से इतनी इज़्ज़त और तवज़्ज़ो मिलने लगी है कि मुझे अक्सर ही यह सब बहुत असहज सा लगता है।”
वे यह भी कहती हैं कि, “हम मध्यम वर्गीय परिवार से आने वाले लोग सोने की चम्मच लेकर पैदा नहीं होते और न ही हम परियों की तरह पाले गए होते हैं, लेकिन अचानक से मुझे इतनी वाहवाही मिलने लगी है कि कभी कभार मैं चाहती हूँ कि कुछ समय के लिए शान्ति में चली जाऊं”। हालाँकि वो यह जरूर कहती हैं कि उन्हें दर्शकों से जितना प्यार मिला है, वह उनके लिए सबसे ज्यादा जरूरी है। उन्हें अच्छा लगता है जब उनका कोई प्रशंसक उनसे ऑटोग्राफ या फोटोग्राफ मांगता है। बचपन से ही छोटे से घर में रहने वाली रिया ने अपने परिवार को सुंदर सा घर तोहफे में दिया है, जिसमें वो अपने परिवार के साथ जल्द ही शिफ्ट होने वाली हैं।
रिया कहती हैं कि, “हम 4 भाई बहन एक छोटे से कमरे वाले घर में रहते थे और अब हमने दो घर लिए हैं, जो मेरे औऱ मेरे परिवार के लिए बहुत बड़ी बात है।”
हर माँ-बाप चाहेंगे उनके जैसी बेटी
अपनी पहली फिल्म की सफलता के बाद रिया को कई विज्ञापन मिलने लगे, रिया को इसके लिए बेस्ट एक्टर का अवॉर्ड भी मिला। इसके कारण रिया को उनकी दूसरी फिल्म का ऑफर भी मिला, जिसका नाम है ‘हिचकी’। दरअसल जिस अवार्ड शो में रिया को अवार्ड मिला, वहां यशराज फिल्म्स की कास्टिंग डायरेक्टर भी मौजूद थी। कास्टिंग डायरेक्टर को रिया इतनी पसंद आई कि उन्होंने हिचकी फिल्म में उनके लिए एक रोल ही लिख डाला। रिया कहती हैं कि “मेरे जीवन में शोहरत एक के बाद एक करके आती जा रही है, और मैं इसके लिए अपने परिवार और अपने प्रशंसकों का विशेष धन्यवाद करती हूँ।” वो यह भी कहती हैं कि उन्हें उम्मीद है कि उनकी सफलता से प्रेरणा लेकर तमाम माँ-बाप भी अपनी बच्चियों को घर से बाहर की दुनिया में प्रवेश करने देंगे और उन्हें अपने हुनर को पहचान दिलाने में उनकी मदद करेंगे और उनका साथ भी देंगे।
स्वरा भास्कर की फिल्म ‘निल बटे सन्नाटा’ आकांझाओं, सपनों और उन सपनों को साकार करने के लिए की जाने वाली मेहनत को दर्शाती हुई एक प्रेरणादायक फिल्म है। रिया की जिंदगी भी हमारे लिए किसी प्रेरणा से कम नहीं, उन्होंने अपने हुनर के दम पर जो कुछ भी मुकाम बनाया है, वो क़ाबिले तारीफ है। रिया मेहनत में कोई कसर नहीं छोड़ती हैं और अपनी हर फिल्म के लिए कई-कई महीनों की ट्रेनिंग भी लेती हैं, वो इसके साथ ही अपने अभिनय को निखारने के लिए वर्कशॉप में भी शामिल होती हैं क्योंकि वो मानती हैं कि जीवन में हमेशा कुछ न कुछ सिखते रहना चाहिए।
उनका मानना है कि जहाँ व्यक्ति ने सीखना बंद कर दिया, वहां जीवन ठहर जाता है, आप आगे नहीं बढ़ पाते। हमें उनके जीवन से यह प्रेरणा मिलती है कि मेहनत, लगन और हौसले के साथ आगे बढ़ने से सफलता खुद ब खुद हासिल होती है। जहाँ कई माँ-बाप अपनी बच्चियों को कोख में या जन्म के बाद मार देते हैं, उन्हें रिया के जीवन से यह सीख जरूर मिल सकती है कि बेटियां किसी से कम नहीं, जरूरत है तो बस उन्हें मौका देने की और आगे बढ़ने में मदद करने की।
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