यह कहानी एक ऐसे इंसान की है जिन्होंने कड़ी मेहनत, लगन और संघर्ष के साथ अपनी जिन्दगी की शुरुआत की और सफलता की सीढ़ी पर पहला कदम रखा और लगातार कड़ी मेहनत करते हुए आज जो मुकाम हासिल किया, वह ज्यादातर लोगों के लिए एक सपना सा है। बड़े भाई से धोखा खाने के बाद इस शख्स के जेहन में जब ख़ुद का करोबार शुरू करने की इच्छा प्रकट हुई तो, जेब में पड़े महज़ 20 रुपये की रकम ने सपनों पर पानी फेर दिया। लेकिन हार न मानते हुए 500 रुपये उधार लेकर उन्होंने अपने सपने की नींव रखते हुए 1000 करोड़ के विशाल साम्राज्य की स्थापना कर डाली।
सफलता की यह कहानी है भारत के दिग्गज कारोबारी नितिन शाह की। महाराष्ट्र के छोटे कारोबारी परिवार में पैदा लिए नितिन के पिता जीनीथ फायर सर्विसेज नाम से एक छोटी सी अग्नि शमन यंत्र बनाने की दुकान चलाते थे। नितिन पढ़ाई से वक्त निकालकर छोटी उम्र से ही अपने पिता के साथ काम किया करते थे।

कॉलेज में दाखिला लेने के बाद भी नितिन अकसर छुट्टियों में पिता के साथ ही काम करते। लेकिन परिवार में सबसे छोटा होने की वजह से उनके बड़े भाई ने उन्हें दखलंदाज करते हुए पैत्रिक कारोबार पर कब्ज़ा जमा लिया। बचपन से ही व्यापार में दिलचस्पी रखने वाले नितिन को बेहद धक्का लगा और उन्होंने ख़ुद का कारोबार शुरू करने की ठान ली। लेकिन दुर्भाग्य से व्यापार शुरू करने के लिए उनके जेब में उस वक़्त महज़ 20 रुपये थे।
अपने शुरूआती संघर्ष को याद करते हुए नितिन बतातें हैं कि “मैंने दोस्त से 500 रूपए उधार लिए और उसके ऑटो गराज में काम करना शुरू किया। यह बात जनवरी 1984 की है, तब तक मैं मेकेनिकल इंजीनियरिंग में डिप्लोमा कर चुका था। पिता के साथ काम करते करते कुछ कॉन्टेक्ट भी बनाए थे, उनमें से एक डिपार्टमेंट ऑफ एटॉमिक एनर्जी (डीएई) में सीनियर एडवाइजर थे। उन्होंने मुझे डिपार्टमेंट में फायर एकस्टिंगुइशर की मेंटेनेंस का कॉन्ट्रेक्ट दिया।
इस कॉन्टेक्ट के मिलने के बाद नितिन को शुरूआती सफ़लता मिली। इस काम के लिए उन्होंने तीन लोगों को अपने साथ रखा और काम शुरू किया। शुरूआत में उनके पास काफी कम इक्विपमेंट्स थे, लेकिन उन्होंने उसी से शुरूआत करते हुए अपना काम जारी रखा।
छह सात माह में ही नितिन ने 20 लाख रुपए जमा कर लिए और 1200 स्क्वायर फीट जमीन खरीदकर नितिन फायर प्रोडक्शन इंडस्ट्री नाम से एक कंपनी की शुरुआत की। कई छोटे-छोटे काम के आधार पर कंपनी को 1986 में ओएनजीसी में मेंटेनेंस का कॉन्ट्रेक्ट भी मल गया। यह कॉन्ट्रेक्ट कंपनी को एक नए पायदान पर पहुंचाने में टर्निंग पॉइंट साबित हुआ।

वर्ष 1986 के अंत तक कंपनी का टर्नओवर 7 करोड़ रुपए के पार हो गया। वर्ष 1987 में कंपनी का विस्तार करते हुए नितिन ने 1 करोड़ रुपए में गुजरात के उमरगांव में 50000 स्क्वायर फीट जमीन खरीदी और यहां 25 कर्मचारियों के साथ अग्नि शमन यंत्र बनाने की शुरूआत की। हालांकि उस समय उनके मुंबई का कारोबार छोटा ही था।
नितिन ने बिना रुके बिना थके अपने कारोबार को आगे बढ़ाते हुए साल 1988 में गोआ में ऑफिस खोला और इक्विपमेंट्स की डिजाइनिंग, मैन्यूफैक्चरिंग और मेंटेनेंस जैसी सुविधाएं देना शुरू किया। इसके बाद 1989 में यूके की कंपनी अपोलो फायर डिटेक्टर्स से साथ हाथ मिलाते हुए जून 2007 को 65 करोड़ रुपए का आईपीओ लाए।
साल 2008 में उन्होंने नितिन वेंचर्स के माध्यम से एक एक 30 साल पुरानी संयुक्त अरब अमीरात की कंपनी न्यू एज कंपनी में हिस्सेदारी खरीदने शुरू कर दिए। 2010 में उन्होंने कंपनी को पूरी तरह से अधिगृहित कर लिया। इस कंपनी के अबू धाबी, दुबई और शारजाह में कार्यालय के साथ सभी जगहों पर अग्नि सुरक्षा प्रणाली भी स्थापित है।
यूरोपीय बाजार में अपनी पैठ जमाने के उद्देश्य से नितिन ने एक यूरोपियन वेंचर की स्थापना की है। आज यह दुनिया की एकमात्र कंपनी है जो अक्रिय गैसों, रासायनिक गैसों और पानी सहित सभी प्रकार के अग्नि सुरक्षा उत्पादों की पेशकश कर रहे हैं। महज़ 500 रूपये की मामूली रकम से शुरू होकर आज कंपनी का टर्नओवर 1000 करोड़ रूपए के पार है।
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