डीजल की होम डिलीवरी का अनूठा स्टार्टअप, पति-पत्नी के आइडिया को मिला रतन टाटा का साथ

उद्यमशीलता उन विचारों के बारे में है जो किसी समस्या को हल करने की ताकत रखता है। लेकिन यह सिर्फ एक विचार तक ही सीमित नहीं होता, बल्कि धरातल पर उसका सफल क्रियान्वयन भी होना चाहिए। एक व्यवसायी बनने के लिए किसी मौजूदा उद्योग का चयन कर अपने ज्ञान का उपयोग करते हुए, संसाधनों और संपर्कों का सही उपयोग कर लाभ कमाना होता है। लेकिन एक उद्यमी बनने के लिए, कुछ नया करने की आवश्यकता होती है। इतना ही नहीं अपने विचार को धरातल पर लाने के लिए अनगिनत चुनौतियों का भी सामना करना होता है। लेकिन जब आपके पास एक असाधारण विचार और उसे पूरा करने का साहस होता है तो, यकीन मानिए आपको रतन टाटा जैसी दिग्गज हस्तियों का सहयोग मिलते देर नहीं लगेगी।

हमारी आज की कहानी के हीरो अदिति भोसले-वालुंज और चेतन वालुंज ने उपरोक्त कथन को साबित कर दिखाया है। अदिति ने फोरेंसिक और अंतर्राष्ट्रीय संबंधों में मास्टर्स किया, वहीं चेतन ने वर्ष 2015 में शादी करने से पहले पेट्रोल पंप के अपने परिवारिक व्यवसाय का प्रबंधन किया। अधिकांश विवाहित जोड़ों के विपरीत, अदिति और चेतन ने अपने उद्यमशीलता के उत्साह को प्राथमिकता दी और दूसरे मोर्चे पर भागीदार बनने का फैसला किया। वे दोनों कुछ प्रभावशाली कार्य करने के लिए तैयार थे, लेकिन अभी तक उनके पास कोई आइडिया नहीं मिल पाया था।

अथक प्रयासों के बाद उन्हें एक क्रांतिकारी आइडिया सूझा। उन्होंने सकारात्मकता के विचारों के ओतप्रोत ‘रिपोज एनर्जी’ के बैनर तले ‘डेड माइलेज’ की एक बहुत ही अनदेखी समस्या को हल करने का बीड़ा उठाया। गौरतलब है कि वाणिज्यिक गाड़ियों को ईंधन भरने के लिये ईंधन स्टेशन तक जाने और वापस आने में अनावश्यक ईंधन की खपत करता है और साथ ही इससे अनावश्यक प्रदूषण भी होता है। इन दोनों पति-पत्नी ने इसी समस्या से मुक्ति दिलाने के उद्देश्य से डीजल की होम डिलीवरी शुरू करने का निश्चय किया।

“हर दिन भारतीय 27 करोड़ लीटर डीजल का उपभोग करते हैं, और 5-10% डीजल हम ‘डेड माइलेज’ में खो रहे हैं” – अदिति ने केनफ़ोलिओज़ से ख़ास बातचीत में बताया।

हालांकि डीजल की सुरक्षित होम डिलीवरी सुनिश्चित करने के लिए बहुत अधिक शोध की आवश्यकता थी। आरएमपीपी (रिपोज मोबाइल पेट्रोल पंप) को पेश करने से पहले इसे सुरक्षित और कुशल बनाने के लिए उन्होंने अपने विचार के साथ ऑटोमोबाइल उद्योग की प्रमुख कंपनियों से संपर्क साधा। उनके विचार की शक्ति ने रतन टाटा का ध्यान आकर्षित किया जिन्होंने फिर दोनों पति-पत्नी को एक चर्चा के लिए आमंत्रित किया, यह उनके लिए एक सपने सच होने जैसा था। रतन टाटा ने उनकी परियोजना के लिए मेंटरशिप देने का आश्वासन भी दिया। तब से, रिपोज टाटा मोटर्स और अन्य प्रमुख ऑटोमोबाइल कंपनियों के साथ लगातार काम कर रहा है।

ई-कॉमर्स के माध्यम से हमारी डीजल डिलीवरी 2020-21 में ही 1600,000 लीटर बचा सकती है और वर्ष 2023-24 तक 16,000,000 लीटर डीजल बचाने की उम्मीद है। यह कार्बन उत्सर्जन को 31,474,563,200 किलोग्राम तक रोक देगा – चेतन ने केनफ़ोलिओज़ को बताया।

रिपोज ने हाल ही में अपनी डबल डिस्पेंसर मोबाइल पेट्रोल पंप शुरू की है जिसमें दो उच्च गति वाले डिस्पेंसर और कई नई तकनीकें जैसे IoT कंट्रोलर, अतिरिक्त सुरक्षा के लिए उन्नत ब्रेक इंटरलॉक सिस्टम, जियो-फेंसिंग और ईंधन सेंसर शामिल हैं। कंपनी ने अपने रिपोज मोबाइल पेट्रोल पंप के लिए तीन पेटेंट पंजीकृत किए हैं। वर्तमान में कंपनी अपनी उपलब्धियों के आधार पर, कंपनी 30 मिलियन डॉलर सीरीज़-ए फंड जुटाने और अपने आरएमपीपी (रिपोज मोबाइल पेट्रोल पंप) की 3500 इकाइयां बेचने के लिए तैयार है।

“VO अल्फा एक नवाचार है जो भारतीय ईंधन वितरण प्रणाली में मदद करेगा और क्रांति लाएगा। मशीन तरल संतुलन को संतुलित करने के लिए स्थिरता त्रिकोण का उपयोग करती है और एक अग्नि रहित मॉडल है। अदिति कहती हैं कि हमें कुछ ऐसा करने की जरूरत है जो आने वाले वर्षों के लिए गर्व का विषय होगा।

कोविड -19 लॉकडाउन के दौरान उन्होंने डीज़ल की होम डिलीवरी का सफलतापूर्वक क्रियान्वयन किया। कोविड -19 लॉकडाउन के दौरान उनके प्रयासों ने एक उदाहरण के रूप में कार्य किया और ईंधन की होम डिलीवरी के महत्व को साबित किया।

इन दंपति की कहानी वाकई में प्रेरणा से भरी है। उन्होंने उद्यमशीलता को सही मायने को परिभाषित किया है।

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