अबतक हमनें कई युवा उद्यमियों की सफलता के बारे में पढ़ा। लेकिन यकीन मानिए आज की कहानी जिस युवा उद्यमी के बारे में जुनून और जज्बे के साथ असंभव को भी संभव कर दिखाया है। इस शख्स ने अपने उद्यमी बनने के सपने को कभी मरने नहीं दिया। गरीब परिवार से आने के बावजूद इन्होंने हार नहीं मानी और शून्य से शुरुआत कर करोड़ों रूपये का साम्राज्य स्थापित किया। छोटी रकम से एक बड़ी कंपनी का निर्माण करते हुए इस शख्स ने सिद्ध कर दिया कि सफलता अभावों की मोहताज़ नहीं होती।
यह कहानी है ‘मेगनोन ग्रुप’ के संस्थापक एवं चेयरमेन विनीत बाजपेयी की सफलता के बारे में। स्कूली शिक्षा प्राप्त करने के बाद विनीत ने दिल्ली विश्वविध्यालय से अर्थशास्त्र में स्नातक और प्रतिष्ठित लाल बहादुर शास्त्री प्रबंधन संस्थान से एमबीए की डिग्री हासिल की। विनीत एक मध्यम-वर्गीय परिवार से ताल्लुक रखते हैं, ऐसी स्थिति में उनके सामने पढ़ाई पूरी करने के बाद नौकरी की शख्त आवश्यकता थी।

डिग्री पूरी करने बाद उन्होंने जीई कैपिटल नाम की एक कंपनी में नौकरी शुरू कर दी। अच्छी तनख्वाह की नौकरी मिलने के बावजूद विनीत के मन में हमेशा खुद का कारोबार शुरू करने की इच्छा खटकती रहती। नौकरी करने के दौरान ही विनीत ने अपनी दूरदर्शिता की बदौलत एक डिजिटल एजेंसी की रूपरेखा तैयार की। अपने सपने को साकार करने के लिए साल 2000 में उन्होंने नौकरी को अलविदा कर 14 हज़ार रुपये की खुद की सेविंग्स से ‘मेगनोन’ की आधारशिला रखी।
शुरूआती समय में विनीत को क्लाइंट लाने में काफी मुश्किल का सामना करना पड़ा लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी और अपना काम जारी रखा। विनीत के कुशल नेतृत्व और मार्गदर्शन में ‘मेगनोन ग्रुप’ एक के बाद एक मुकाम हासिल करता चला गया। धीरे-धीरे डिजिटल वर्ल्ड मे उनकी हर तरफ चर्चा होने लगी। इतना ही नहीं उन्हें बड़े-बड़े क्लाइंट्स के ऑफर आने शुरू हो गये।
संघर्ष के दिनों को याद करते हुए विनीत बतातें हैं कि शुरुआती दौर में मूलभूत संसाधनों के नाम पर हमारे पास एक जेनेरेटर वाला कमरा, दो किराए के कम्प्युटर और दो सहकर्मी थे। लेकिन इन सबसे ज्यादा बड़ी चीज़ जो हमारे पास थी वो था हौसला। हमें पता था कि सही दिशा में काम करने पर सफलता अवश्य मिलेगी।
और इन्हीं बुलंद हौसलों की बदौलत विनीत ने मेगनोन ग्रुप को एक नए पायदान पर बिठा दिया। आपको विश्वास नहीं होगा आज दिल्ली, मुंबई और बेंगलुरु जैसे महानगरों मे मेगनोन ग्रुप के ऑफिस हैं। इतना ही नहीं आज यह 500 से ज्यादा लोगों को रोजगार भी मुहैया करा रहा।
साल 2012 मे विश्व के डिजिटल वर्ल्ड की सबसे प्रतिष्ठित कंपनी में से एक ‘टीबीडबल्यूए ग्रुप’ ने मेगनोन ग्रुप का अधिग्रहण कर लिया। हालांकि इस अधिग्रहण के बाद भी कंपनी स्वतंत्र रूप से ही काम कर रही है और अभी भी उसके सीईओ विनीत ही हैं।

अपनी शानदार उपलब्धि की बदौलत विनीत ने डिजिटल इंडिया में एक बड़ा नाम कमाया। साल 2014 मे इंपेक्ट पत्रिका की डिजिटल इंडस्ट्री के 100 प्रभावी लोगों की सूची में विनीत शामिल थे। 2013 मे सिलिकॉन इंडिया पत्रिका ने अपने आवरण पृष्ठ पर विनीत को भारतीय मीडिया का नया पोस्टर बॉय बताया।
शून्य से शिखर तक का सफ़र तय करने वाले विनीत की कहानी युवा उद्यमियों के लिए बेहद प्रेरणादायक है। खासकर उन लोगों के लिए जो संसाधनों के अभाव में बड़ा करने के अपने सपने का त्याग कर देते।
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