18 वर्षीय यह बच्चा है एक सफल किसान, जैविक खेती ने बदली जिंदगी, अब सीखा रहे दूसरों को खेती के गुर

आज हम अपने बच्चों को हर पल हरी सब्ज़ियाँ खिलाने के लिए जोर डालते रहते हैं,अगर बच्चे नहीं खाते है तो हम नये-नये तरीके निकलते हैं उनको सब्ज़ियाँ खिलानें के लिए और जब हम जब उनके खाने में सब्ज़ियाँ शामिल कर देते है तब हमें लगता है हमने जग जीत लिया। लेकिन क्या आप जानते हैं इन सब्जिओं को उगाने में कितने तरह के जहरीले कीटनाशक का इस्तेमाल होता है जो हमारे शरीर को कई तरह की घातक बीमारियां दे रहा है। लेकिन अब समय आ गया है कि हम खेती में कीटनाशक का इस्तेमाल खत्म कर फिर से उन्हीं पुराने तरीकों से खेती करें, जिसे हमारे बुज़ुर्गो ने अपनाया और आज हम इसे आर्गेनिक फार्मिंग (जैविक खेती) से जानते हैं।

इसी जैविक खेती को बढ़ावा देने का जिम्मा लिया है एक 18 वर्षीय बालक आर्य पूदोता। वह अपने यू-टूयूब चैनल “माय आर्गेनिक फार्म” के द्वारा लोगों को जागरूक कर रहे हैं और खेती के नुस्खे भी सीखा रहे।

आर्य बंगलुरु के इंदिरानगर इलाके में नेशनल पब्लिक स्कूल के12वी के छात्र हैं। जिस उम्र में अधिकतर बच्चे मौज मस्ती और अपनी पढ़ाई-लिखाई में व्यस्त होते हैं, उसी उम्र में वह पढ़ाई-लिखाई के साथ-साथ अपने खाली समय में लोगों को बताते हैं कि आर्गेनिक सब्जियाँ कैसे उगाई जाती है।

इसकी शुरुआत तब हुई जब वह 12 वर्ष के थे, उनकी माँ ने घर के बगल में 4 हजार वर्गफुट की जमीन खरीदी और उस पर बिल्डिंग बनाने की बजाए एक किचन गार्डन बनाने का फैसला किया। इसके पीछे की मुख्य वजह थी कि उन्हें बिना मिलावट का भोजन मिल सके। आर्य किचन गार्डन में सब्जियाँ उगाने में अपनी माँ की मदद करते थे और अगले 2 साल में पूरी तरह से किचन गार्डन को सँभालने लगे। उनकी यह प्रतिभा आस-पास के लोगों को प्रभावित करने लगी और वह इनसे इनके किचिन गार्डन में उगी सब्ज़ियाँ खरीदने की पेशकश करने लगे। कुछ ही सालों में अपने फार्म में मुख्य भूमिका निभाते हुए आर्य आर्गेनिक फार्मिंग के विशेषज्ञ हो गए और उन्होंने फैसला किया की वह दूसरों को भी इस के लिए प्रेरित करेंगे और उन्हें आर्गेनिक फार्मिंग के विषय में शिक्षित करेंगे।

इसी उद्देशय को पूरा करने के लिए उन्होंने यू-ट्यूब चैनल “माय आर्गेनिक फार्म” बनाया जिसमे वह लोगों को घर पर किचन गार्डन बनाकर आर्गेनिक फार्मिंग करने की विधि बताते हैं। इस चैनल की लोकप्रियता दिन पर दिन बढ़ती जा रही है आज इसके 2 हज़ार से ज्यादा फॉलोवर्स हैं। अब तक इनके वीडियोस को करीब 170 देशों में 1 लाख लोग देख चुके हैं। अपने यू -ट्यूब चैनल के अलावा आर्य अपनी वेबसाइट पर ब्लॉग्स भी लिखते हैं तथा बहुत से स्कूलों में आर्गेनिक कम्पोस्टिंग और वेस्ट मैनेजमेंट के विषय में छात्रों को बताते हैं। वह खुद अपने स्कूल में एन्वॉयरमेंटल\सोशल सर्विस क्लब (SEWA) में सेक्रेटरी हैं।

लोगो में अपनी खुद की सब्जियां उगाने को बढ़ावा देने के उद्देश्य से उन्होंने 6 जून को वर्ल्ड एन्वॉयरमेंट डे पर CUBBON पार्क में आर्गेनिक रूप से निकले हाइब्रिड टमाटर के 1 हज़ार पौधे मॉर्निंग वाक पर आने वाले लोगो में बांटे। इसके अलावा 2016 में तीन अलग-अलग जगहों पर कार्यक्रम आयोजित कर हाइब्रिड पौधों के सैप्लिंग्स बांटे। इनमे पहले आयोजन हैदराबाद के KBR पार्क में था जहाँ विभिन्न प्रकार के 700 सैप्लिंग्स लोगो में बाटे गये। इस कार्यक्रम का आयोजन तेलंगाना फारेस्ट डेपार्टमेंट ने किया था। दूसरा कार्यक्रम इन्होने अपनी कॉलोनी में किया जहाँ इन्होने 400 सैप्लिंग्स बांटे। आर्य ने हाल ही में एक फार्मिंग किट बनायीं है जिसे उन्होंने ग्रो बेसिक नाम दिया है। इस किट में ग्रो बैग, कोको पीट ब्लॉक, नीम फ़र्टिलाइज़र और कुछ सब्ज़ियों के बीज होते है तथा इसे इस्तेमाल करने की विधि इनके यू -ट्यूब चैनल ‘माय आर्गेनिक फार्म’ पर दी गयी है।

इनके प्रयासों को यूनाइटेड नेशन के एन्वॉयरमेंट प्रोग्राम में सराहा गया है और यूएस ग्रीन बिल्डिंग कौंसिल द्वारा दिया जाने वाला Green Apple Day of Service – India Award 2015 में प्रथम स्थान प्राप्त हुआ है। आर्य अपनी पढ़ाई और अपने फार्मिंग के शौक में संतुलन बनाये रखने के लिए सुबह साढ़े पांच बजे जग जाते हैं और हर दिन अपने फार्म में 1 घंटा 30 मिनट जरूर बिताते हैं।

जैविक खेती आज के समय की मांग है और एक छोटे से बालक द्वारा इसे बढ़ावा देने का प्रयास अत्यंत सराहनीय और अनुकरणीय है।

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