3 दोस्त, एक आइडिया, कुछ ही वर्षों में बन गई 150 करोड़ की कंपनी

शादी, बर्थडे, रिसेप्शन, फैमिली पार्टी जैसे फंक्शन्स में हजारों का खर्च, ड्रेस रिपीट होने का डर और सबसे अच्छा दिखने की होड़। इस खर्च से अब आप बच सकते हैं और सबमें एकदम अलग भी दिख सकते हैं। यह पढ़कर आपको हैरानी हो रही होगी और आप सोच रहे होंगे कि भला यह कैसे संभव हो पाया है।

लेकिन इस सपने को साकार रूप दिया है IIT मुंबई के पास आउट स्टूडेंट्स ने अपने अनूठे स्टार्टअप आइडिया से। तीन दोस्तों ने मिलकर एक ऐसा प्लेटफार्म तैयार किया है, जहाँ आपको अपनी ड्रेसेज के लिए हजारों खर्च नहीं करने पड़ेंगे। दरअसल, उन्होंने फ्लाईरॉब नाम से एक ऑनलाइन वेबसाइट बनाई, जहाँ पुरुष और महिलाओं के लिए मामूली शुल्क पर ड्रेसेस रेंट पर मिलती है। एक खासियत यह भी है कि यहाँ मनीष मल्होत्रा जैसे बड़े-बड़े डिजाइनर्स के कपड़े भी सस्ते में रेंट पर ले सकते हैं।

भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, मुंबई के तीन छात्र प्रणय, श्रेया और तुषार ने भी रोज ड्रेस रिपीट करने की दिक्क्तों का सामना किया और फिर इससे निजात पाने के लिए उन्होंने एक ऐसा आइडिया ढूंढ निकाला जो सिर्फ उनकी ही नहीं बल्कि लाखों लोगों की समस्या को चुटकी में हल कर दिया। इसके पीछे एक बड़ी कारोबारी संभावना को देखते हुए इन्होंने फ्लाईरॉब नाम से एक स्टार्ट-अप की आधारशिला रखी।

सितंबर 2016 में शुरू हुई वेबसाइट एक साल में ही लाखों लोगों को अपनी ओर आकर्षित करने में सफल रही। वेबसाइट से पहले फ्लाईरॉब एक एप के रूप में सामने आया था, जिसकी शुरुआत 2015 में ही हो गयी थी। कांसेप्ट को जब लोगों द्वारा पसंद किया गया और तब इन्होंने इसे वेबसाइट के जरिए भी लांच किया।

दरअसल साल 2012, में श्रेया ट्रेनिंग के सिलसिले में एयरबीएनबी की ऑफिस गयी। ये वही समय था जब उनके दिमाग में रेंट वाला आइडिया आया, उन्होंने सोचा कई ऐसी चीजें हैं, जिनका इस्तेमाल हम कभी-कभी ही करते हैं, लेकिन हमें उनकी जरूरत पड़ती रहती है। ऐसे में हमें उन महंगें कपड़ों को खरीदना लाजिमी नहीं लगता लेकिन उनके बिना रहा भी नहीं जाता। यही वो समय था, जब श्रेया ने अपने दोस्तों से बात की और वेंचर की चर्चा की, यहीं से फ्लाईरॉब की नींव रखी गयी। लेकिन पूरी तरह से शुरुआत करने से पहले उन्होंने एक पायलट प्रोजेक्ट की शुरुआत की, जिसमें तीनों ने पाया कि महिलाओं का एक बड़ा ग्रुप है, जिसने इसे सराहा। यहीं से इनका मनोबल बढ़ा और फिर उन्होंने अपने कारोबार को एक नई दिशा दी।

वेबसाइट में टेक्नोलॉजी का काम भी टीम के ही लोगों ने किया है। इस वक़्त फ्लाईरॉब में इंजीनियरिंग, मेडिकल जैसी फील्ड के लगभग 30 से अधिक युवा जुड़े हैं। इतना ही नहीं टीम में ऐसे युवा भी हैं, जो अमेजॉन और अन्य बड़ी कंपनियों से जॉब छोड़कर आये हैं। निवेशकों ने भी इनके आइडिया में भरोसा दिखाते हुए अबतक 35 करोड़ की फंडिंग की है।

इस वेबसाइट ने बहुत कम समय में ही अन्य बड़े फैशन ब्रांड को टक्कर दिया है, एक दिन में हजारों लोग फ्लाईरॉब के एप को डाउनलोड करते हैं। इस वेंचर के साथ डिजाइनर मसाबा, ऋतू कुमार जैसे लोग जुड़े हैं। ऑनलाइन पैठ ज़माने के बाद इन्होंने अपनी ऑफलाइन स्टोर्स भी खोलने शुरू कर दिए। वर्तमान में इनके स्टोर दिल्ली, हैदराबाद, मुंबई और बेंगलुरु में है लेकिन आने वाले समय में इसे बढ़ाने की योजना है।

केनफ़ोलिओज़ से बातचीत के दौरान तुषार ने बताया कि “इस वक़्त हमारे साथ 80 डिज़ाइनर और 300 से अधिक सप्लायर्स जुड़े हैं। इसके अलावा महीने में लगभग 5 लाख विज़िटर्स उनकी वेबसाइट पर आते हैं, जिनमें 5% लोग फ्लाईरॉब के ड्रेसेज रेंट पर लेते हैं। इस बात से महीने का टर्न-ओवर आसानी से पता लगाया जा सकता है।”

एक साधारण आइडिया को स्मार्ट तरीके से लोगों के सामने पेश कर करोड़ों का कारोबार खड़ा किया जा सकता है, श्रेया और उनकी टीम की सफलता इस बात का परिचायक है।

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