एक दौर था जब देश में मधुमक्खी पालन का धंधा सिर्फ पहाड़ी क्षेत्रों तक ही सिमित था। हालांकि देश के अन्य भागों में भी कई किसान निजी जरुरतों को पूरा करने के लिए छोटे स्तर पर मधुमक्खी पालन किया करते थे। लेकिन बदलते वक़्त के साथ कुछ किसान भाइयों ने इसमें एक बड़ी कारोबारी संभावना को तलाशते हुए पूर्ण रूप से मधुमक्खी पालक बनने का फैसला करते हुए आज लाखों रूपये की सालाना आमदनी कर रहे हैं। उन्होंने अपनी सफलता से कृषि आधारित कारोबार को कम आंकने वाले लोगों के सामने भी एक मिसाल पेश की है।
आज हम ऐसे ही एक सफल मधुमक्खी पालक की कहानी लेकर आए हैं जिन्होंने छोटे से स्तर से शुरुआत कर आज देश के अनेक शहरों में लोगों के सामने मधु की मिठास परोस रहे हैं। जी हाँ, आप विश्वास नहीं करेंगें पटना के 35 वर्षीय रमेश रंजन मधु की आपूर्ति से सालाना 15 लाख रुपए से भी अधिक कमाते हैं।
रमेश आर्थिक रूप से सम्पन्न परिवार में पैदा लिए। उनके पिता अखिलेश्वर प्रसाद सिंह सरकारी सेवा में थे। उनके पिता की यही चाहत थी कि बेटा पढ़-लिख कर कोई अच्छी सरकारी नौकरी कर ले। पिता का सपना पूरा करने के लिए रमेश ने भी स्कूली पढ़ाई पूरी कर बीकॉम करने का फैसला किया। लेकिन, वे पढ़ाई बीच में छोड़ मधुमक्खी पालन में लग गए। उन्होंने अपने इस धंधे की शुरुआत महज पांच मधुमक्खी के बक्से से की थी। आज इनके पास 700 बक्से हैं। एक बक्से से साल में औसतन 60 से 80 किलो मधु का उत्पादन होता है। इनके द्वारा उत्पादित मधु सरसो, लीची, जामुन, करंज व यूकेलिप्टस के फूलों से तैयार की जाती है।

रमेश अन्य मधुपालकों की तुलना में कुछ नया करने के लिए ऑनलाइन मार्केटिंग का सहारा लिया। इसके जरिये उन्होंने दक्षिण भारत के राज्यों में मधु की आपूर्ति करनी शुरू कर दी। बढ़ती मांगों को देखते हुए वे जल्द ही ऑटोमेटिक शहद प्रोसेसिंग प्लांट लगाने की योजना में है। इतना ही नहीं वे अपना खुद का मधु ब्रांड भी लांच करने के लिए पूरी तरह प्रयासरत हैं।
इसमें कोई शक नहीं है कि मधु उत्पादन किसानों के लिए एक अच्छा विकल्प है। आज भारत में बिहार मधु उत्पादन में दूसरे स्थान पर आ गया है। इसके लिए बेशक रमेश रंजन जैसे युवाओं की बड़ी भूमिका है। उन्होंने न सिर्फ खुद का सफल कारोबार बनाया है बल्कि कई किसानों को ऐसे कारोबार करने के लिए प्रोत्साहित भी कर रहे।
आप अपनी प्रतिक्रिया नीचे कमेंट बॉक्स में दे सकते हैं और पोस्ट अच्छी लगी तो शेयर अवश्य करें