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5 दोस्त, एक शानदार आइडिया, आज 1800 शहरों तक पहुँच चुका है 11 हजार करोड़ का बिजनेस एम्पायर

यह मानना होगा कि हमारे देश की युवा पीढ़ी ने एक से बढ़कर एक आइडिया के साथ शुरुआत कर करोड़ों रुपये की सालाना टर्नओवर वाली कंपनी खड़ी कर ली है। हमनें अबतक युवा उद्यमियों के सफलता की अनगिनत कहानियां पढ़ी, लेकिन आज की कहानी अपने आप में बेहद दिलचस्प है। यह कहानी देश के एक ऐसे युवा उद्यमी की है, जिन्हें रेस्टोरेंट से खाना आर्डर करते समय एक अनोखा आइडिया सूझा और फिर उन्होंने अपने कुछ दोस्तों के साथ मिलकर मिलियन डॉलर की कंपनी का निर्माण किया, जो सिर्फ भारत में ही नहीं बल्कि कई देशों में अरबों का कारोबार कर रही है।

हम बात कर रहे हैं डिलीवरी स्टार्टअप डेल्हीवेरी की आधारशिला रखने वाले साहिल बरुआ की सफलता के बारे में। मेकैनिकल इंजीनियरिंग और आईआईएम से प्रबंधन की पढ़ाई पूरी कर साहिल ने बैन एंड कंपनी में फुल टाइम एसोसिएट कंसल्टेंट के तौर पर अपने करियर की शुरुआत की। अगले एक साल में साहिल का प्रमोशन हो गया उनके परफॉर्मेंस को देखते हुए जल्द ही उन्हें कंसल्टेंट की जिम्मेदारी दे दी गई। इसी नौकरी के दौरान साहिल की मुलाकात सूरज सहारन और मोहित टंडन से हुई।

तीनों दोस्तों ने भारतीय लॉजिस्टिक बाज़ार में एक बड़ी संभावनाओं को देखते हुए इस पर और गहरे रिसर्च करने शुरू कर दिए। सबसे पहले उन्होंने रेस्टोरेंट के लिए डिलीवरी नेटवर्क बनाने को सोचा। उन्होंने रेस्टोरेंट के मालिक से मुलाकात की और डिलीवरी की समस्या को सुलझाने का प्रपोजल दिया। यहीं से ‘डेल्हीवेरी ऐप’ की शुरुआत हुई।

खुद की सेविंग और अर्बनटच डॉट काम के अभिषेक गोयल के निवेश के साथ साहिल ने डेल्हीवरी की शुरुआत गुड़गांव में 250 स्क्वायर फीट के एक कॉर्पोरेट ऑफिस से की। बिजनेस को फैलाते हुए उन्होंने लोकल रेस्टोरेंट के साथ हाथ मिलाना शुरू किया। डेल्हीवरी का मॉडल काफी पसंद किया गया और बहुत ही कम वक्त में उन्हें गुड़गांव में ही 100 ऑर्डर प्रतिदिन मिलने शुरू हो गये। अभिषेक गोयल ने भी अपने पैकेज डिलीवर करने का ऑर्डर साहिल को सौंप दिया। यहीं से डेल्हीवरी के खाते में पहला ई-कॉमर्स क्लाइंट शामिल हो गया।

जनवरी 2011 में डेल्हीवरी ने पूरी तरह ई-कॉमर्स पर फोकस करने का फैसला किया। साल के अंत तक वे दिल्ली और एनसीआर में तीन सेंटर्स के साथ 5 ई-कॉमर्स क्लाइंट्स के लिए प्रतिदिन 500 शिपमेंट्स डिलीवर कर रहे थे। कुछ ही वक्त में उन्होंने फंडिंग के साथ स्टोरेज फैसिल्टिज को बढ़ाना शुरु किया। स्टोरेज सुविधा के साथ कंपनी अपना कारोबार देश के 31 शहरों में फैलाने में कामयाब हो गई। यहां से डेल्हीवरी ने पीछे मुड़कर नहीं देखा।

आज डेल्हीवरी के 24 स्वचालित सॉर्ट सेंटर, 70 हब, 1800 शहरों में 2,500+ डिलीवरी सेंटर, 8000+ पार्टनर सेंटर, 14000+ वाहन और 40,000+ कर्मचारी हैं। साथ ही कंपनी मिडल ईस्ट और साउथ-एशिया में भी कारोबार कर रही है। वर्तमान में, कंपनी बी2सी और बी2बी सेवाओं के लिए अपने खुद के 75 आपूर्ति केंद्र स्थापित कर चुकी है। विभिन्न चरणों में अबतक कंपनी ने लगभग 763 मिलियन डॉलर की कुल धनराशि का निवेश प्राप्त किया है। आज कंपनी का वैल्यूएशन 1.6 बिलियन डॉलर अर्थात 11 हज़ार करोड़ रुपये है।

कुछ साल पहले महज़ कुछ लोगों की टीम के साथ शुरू हुई यह कंपनी आज देश की एक यूनिकॉर्न स्टार्टअप है, जिसके पीछे की सफलता शोध का विषय भी हो सकती है। इन प्रतिभाशाली युवाओं ने अपनी दूरदर्शिता से एक ऐसे क्षेत्र में कारोबारी संभावनाओं को ढूंढा था, जहाँ असीमित कारोबार के अवसर हैं।

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