केन्द्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड ने काफी इंतज़ार के बाद 12वीं की परीक्षा के परिणाम घोषित कर दिए। इस साल कुल 88.8 प्रतिशत विद्यार्थी पास हुए हैं। पहली बार 90% और उससे अधिक स्कोर करने वाले छात्रों की संख्या एक लाख के पार है। पिछले वर्ष के मुकाबले 95% और उससे अधिक स्कोर करने वाले छात्रों की संख्या भी दोगुनी होकर 38,686 हो गई है। सबसे आश्चर्य की बात यह है कि इस वर्ष एक छात्र ने 600 में 600 अंक लाकर इतिहास रच दिया है।
नवयुग रेडियन्स सीनियर सेकेंडरी स्कूल, लखनऊ की छात्रा दिव्यांशी जैन ने विषयों अंग्रेजी, संस्कृत, इतिहास, भूगोल, बीमा और अर्थशास्त्र में 100 अंक हासिल किए। ऐसा पहली बार हुआ जब किसी छात्र ने शत-प्रतिशत अंक हासिल किए हैं।

“यह अविश्वसनीय है। मैं एक ही समय में अभिभूत और आश्चर्यचकित हूँ”
दिव्यंशी भूगोल को छोड़कर सभी विषयों की परीक्षा के लिए उपस्थित हुई थीं, जिसे कोविद -19 के कारण रद्द कर दिया गया था।
दिव्यांशी ने अपनी सफलता का श्रेय अपने माता-पिता और शिक्षकों को दिया। वह कहती हैं कि “मेरे शिक्षकों ने मुझे पूरे साल मार्गदर्शन किया और मैं अपने माता-पिता के कारण एक व्यवस्थित दिनचर्या का पालन करने में सक्षम थी। इन दोनों कारकों ने मुझे अपनी पढ़ाई पर ध्यान केंद्रित करने और अच्छे अंक लाने में काफी सहायक साबित हुआ।
पढ़ाई के लिए क्या कुछ अलग किया, इस सवाल का जवाब देते हुए वह कहती हैं कि मैंने शुरू से ही नोट्स बनाए, जिसे रिवाइस करने में मदद मिली। मेरा मानना है कि शुरुआत से ही तैयारी करनी चाहिए। परीक्षा का इंतज़ार नहीं करना चाहिए।

इतिहास से बेहद लगाव रखने वाली दिव्यांशी आगे की पढ़ाई दिल्ली विश्वविद्यालय से करना चाहती हैं।
आपकी जानकारी के लिए बताना चाहते हैं कि इस वर्ष कोविद -19 और लॉकडाउन के कारण हुए व्यवधान को ध्यान रखते हुए एक अनूठी मार्किंग योजना को अपनाया गया। 12 विषयों में परीक्षा आयोजित नहीं की जा सकी। अंत में पेपर से सर्वश्रेष्ठ तीन अंकों के औसत को लेने का निर्णय लिया गया था। यदि कोई छात्र केवल तीन पेपरों के लिए उपस्थित रहा, तो उनके लिए सर्वश्रेष्ठ दो अंकों का औसत लिया गया।
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